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हाईकोर्ट ने सड़कों और सार्वजनिक फुटपाथ से तत्काल अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश

- दोनों निगम के आयुक्तों को पुलिस आयुक्त के समन्वय से अतिक्रमण पर निगरानी के निर्देश

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हाईकोर्ट ने सड़कों और सार्वजनिक फुटपाथ से तत्काल अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश

हाईकोर्ट ने सड़कों और सार्वजनिक फुटपाथ से तत्काल अतिक्रमण हटाने के दिए निर्देश

जोधपुर. सडक़ों और सार्वजनिक फुटपाथों पर दुकानदारों की ओर से किए गए अतिक्रमणों को गंभीरता से लेते हुए राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर के दोनों नगर निगमों के आयुक्तों को संबंधित वार्ड के निरीक्षकों की जिम्मेदारी तय करने के निर्देश दिए हैं, ताकि अतिक्रमणों पर लगाम लगाई जा सके। कोर्ट ने निरीक्षकों को तत्काल अपने-अपने वार्डों में किए गए अतिक्रमणों को हटाने के लिए तत्काल कदम उठाने को कहा है।
न्यायाधीश संदीप मेहता और न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग खंडपीठ ने सरदार मार्केट गिरदीकोट व्यापार संस्था की ओर से दायर अवमानना याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि दुकानदारों की ओर से फुटपाथों और सडक़ों पर बड़े पैमाने पर अतिक्रमण की समस्या दीमक के प्रकोप की तरह है, जो सडक़ों और सार्वजनिक फुटपाथों को खा रही है। इससे बड़े पैमाने पर जनता के लिए बने बुनियादी ढांचे को नुकसान पहुंच रहा है। अपने माल को प्रदर्शित करने के लिए फुटपाथ पर दुकानदारों ने जमकर कब्जा कर लिया है। इस तरह के अतिक्रमण को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता, क्योंकि ऐसे अतिक्रमण पैदल चलने वालों के लिए बनाए गए मार्ग और सडक़ों की चौड़ाई में कमी का कारण बनते हैं। खंडपीठ ने कहा कि ऐसे अतिक्रमण नगर पालिका अधिनियम की धारा 244 का उल्लंघन है। नगर निगम के अधिकारियों का यह दायित्व है कि सार्वजनिक भूमि को अनधिकृत अतिक्रमण से बचाया जाए। सुनवाई के दौरान अधिवक्ता अनिरुद्ध पुरोहित ने कहा कि घंटाघर क्षेत्र में अतिक्रमण की सूचना देने के लिए एक समर्पित हेल्पलाइन नंबर प्रमुखता से प्रदर्शित किया जाना चाहिए। निगम के अधिवक्ता राजेश पंवार ने आश्वासन दिया कि ऐसे नंबर को तुरंत प्रदर्शित करने के प्रयास किए जाएंगे। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने अंतिम स्ट्रीट वेंडिंग योजना को हरी झंडी दे दी है, जिसमें 9 समर्पित वेंडिंग जोन हैं।

कोर्ट के दिशा निर्देश
-अतिक्रमण पर नजर रखने के लिए घंटाघर में सीसीटीवी कैमरे लगे हैं, लेकिन चौबीसों घंटे निगरानी के लिए सीधे नगर निगम कार्यालय से जुड़ा हुआ कोई तंत्र नहीं हैं। दोनों निगम के आयुक्तों को जोधपुर पुलिस आयुक्त के समन्वय और सहयोग से अतिक्रमण पर निगरानी करने के निर्देश।

-दुकानदार की ओर से किया गया समस्त अतिक्रमण तत्काल हटाया जाए, यदि आवश्यक हो, तो आपराधिक मामले दर्ज किए जाएं।
-आयुक्त को यह सुनिश्चित करना होगा कि कोई अधिकारी यदि दायित्व निर्वहन में विफल साबित हो, उसके खिलाफ

उपयुक्त विभागीय कार्रवाई की जाए।
-धारा 244 के तहत अपराध के लिए 250 मामले दर्ज किए गए हैं, लेकिन परीक्षण लंबे समय से लंबित हैं। कोर्ट ने आशा और विश्वास जताया कि ऐसे मामलों की जांच और सुनवाई जल्द होगी।

-स्ट्रीट वेंडिंग योजना को राज्य सरकार ने अनुमोदित कर दिया है। यदि कोई रेहड़ी-पटरी विक्रेता/ फेरीवाला इनमें से किसी भी वेंडिंग जोन में स्लॉट के लिए आवेदन करने का इच्छुक है, तो वह संबंधित आयुक्तों द्वारा तय की जाने समय सीमा के भीतर ऐसा कर सकता है।