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NDA में अनफिट हुआ तो चुना दूसरा रास्ता, हासिल की AIR 20वीं रैंक, जानें जोधपुर के IAS त्रिलोक सिंह की कहानी?

जोधपुर के रहने वाले त्रिलोक सिंह करणोत ने यूपीएससी परीक्षा में AIR 20वीं रैंक हासिल की है।

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UPSC Exam Result 2024

त्रिलोक सिंह अपने परिवार के साथ

UPSC Exam Result 2024: संघ लोक सेवा आयोग (यूपीएससी) ने मंगलवार को सिविल सेवा परीक्षा का परिणाम जारी कर दिया। परीक्षा परिणाम इस बार जोधपुर के लिए खुशखबरी लेकर आया। डिगाड़ी में रहने वाले त्रिलोक सिंह करणोत ने पूरे देश में 20वीं रैंक हासिल की। ओसियां के भाकरी गांव निवासी चूनसिंह के पुत्र त्रिलोक का यह तीसरा प्रयास था। मौटे तौर पर जोधपुर में ही रहकर सेल्फ स्टडी की।

वह डिगाड़ी लाइब्रेरी में सुबह 8 से रात 11 बजे तक सेल्फ स्टडी करता था। त्रिलोक 24 वर्ष का है। पिता चूनसिंह आर्मी में सूबेदार पद से सेवानिवृत्त है और वर्तमान में महात्मा गांधी अस्पताल में असिस्टेंट सिक्योरिटी ऑफिसर के पद पर कार्यरत है। त्रिलोक के आईएएस में टॉप-20 में चयनित होने पर घर पर लोगों का तांता लग गया। राजपूत समाज के कई लोग त्रिलोक को बधाई देने पहुंचे।

यूपीएससी परीक्षा में जोधपुर के त्रिलोक सिंह करणोत ने पूरे देश में 20वीं रैंक हासिल की। त्रिलोक का यह तीसरा प्रयास था, लेकिन इंटरव्यू पहला था। त्रिलोक को सलेक्शन का भरोसा था ,लेकिन बीसवीं रैंक प्राप्त करने की कोई उम्मीद थी।त्रिलोक की स्कूल की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल जोधपुर से हुई है। उसने जोधपुर ही रहकर सिविल सर्विस की तैयारी की। कुछ ऑनलाइन कोर्स जरुर लिए थे। वह लाइब्रेरी में सुबह 8 से रात 11 बजे तक पढ़ता था। पिता आर्मी में सूबेदार रहे हैं।

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सेना में जाना चाहते थे त्रिलोक सिंह

त्रिलोक की 12वीं तक की पढ़ाई आर्मी पब्लिक स्कूल जोधपुर से हुई है। दसवीं में 95 और बारहवीं में 96 प्रतिशत बने। दिल्ली विश्वविद्यालय के किरोड़ीमल कॉलेज से ग्रेजुएशन किया। जयनारायण व्यास विवि जोधपुर से राजनीतिक विज्ञान में एमए किया। वह सेना में जाना चाहता था इसलिए एनडीए परीक्षा दी। पूरे देश में 232वीं रैंक हासिल की लेकिन मेडिकली आउट हो गए। तब जाकर आईएएस बनने का रास्ता पकड़ा। नेट जेआरएफ में भी सलेक्शन हो गया।

त्रिलोक को टेनिस ग्रेण्ड स्लैम लाइव देखने का शौक है। फिल्म सीरिज भी देखते हैं। कविता के शौकीन त्रिलोक ने बताया कि खुद पर भरोसा, योग्यता के दम पर सफलता हासिल कर सकते हैं। आईएएस के साथ अन्य परीक्षाएं भी देते रहे लेकिन लय बनी रहे। माता धनकंवर गृहिणी है। बहन किरण कंवर असिस्टेंट प्रोफेसर की तैयारी कर रही है। त्रिलोक को पढ़ाई के लिए अपनी बहन से ही मिलती थी।