
In the memory of Jagjit Singh, Sachin Sharma presented Ghazals
तुम इतना जो मुस्कुरा रहे हो, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो - फोटो
जगजीतसिंह की याद में सचिन शर्मा ने सजाई शामे-गजल
जोधपुर.शाम से आंख में नमी सी है, आज फिर आपकी कमी सी है..गुलजार ( Gulzar ) की लिखी और जगजीतसिंह ( jagjeetsingh ) की गाई यह गजल पेश कर कनाडा से आए गजल गायक सचिन शर्मा ( Irada ) ने सुरीली आवाज में गजलें पेश कर रसिक श्रोताओं को अभिभूत कर दिया। इरादा संस्था की मेजबानी में चंद्रा इम्पीरियल सभागार में सजी यादे-जगजीतसिंह ( Yaade jagjeetsingh ) में खूब रंग जमाया।
जिंदगी धूप तुम घना साया
उन्होंने कैफी आज़मी की गजल..तुम इतना जो मुस्कुरा रहे, क्या गम है जिसको छुपा रहे हो..,जावेद अख़्तर की गजल..तुमको देखा तो ये ख्याल आया, जिंदगी धूप तुम घना साया...और शाहिद कबीर की गजल..प्यार का पहला खत लिखने में वक्त तो लगता है.. पेश कर श्रोताओं से दाद पाई। वहीं इंदीवर का लिखा गीत..होंठों से छू लो तुम, मेरा गीत अमर कर दो...सुनाया तो लोग साथ-साथ गा उठे। सचिन शर्मा के साथ तबले पर तबला नवाज मणि भारद्वाज ने गिटारवादक चिंटूसिंह ने संगत की।
मुख्य अतिथि और विशिष्ट अतिथि
बीएसएफ के आईजी अमित लोढ़ा मुख्य अतिथि और मण्डल रेल प्रबन्धक गौतम अरोड़ा व राजस्थान उच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश गोपालकृष्ण व्यास व एन एन माथुर विशिष्ट अतिथि थे। संयोजन विनय जोशी व शेखर थानवी ने किया। संस्था सचिव संगीता गट्टानी व कोषाध्यक्ष सुरेखा मून्दड़ा ने कलाकारों को स्मृति चिन्ह प्रदान किए। संचालन भानु पुरोहित ने किया। कार्यक्रम में कई गणमान्य श्रोता मौजूद थे।
Published on:
05 Aug 2019 10:08 pm
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