
अतिक्रमण हटाने को लेकर पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल को निर्देश दिए
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने चैनपुरा गांव की रामतलाई नाडी क्षेत्र में अतिक्रमण हटाने को लेकर जिला स्तरीय पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल को तीन महीने में विधि सम्मत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं।
मुख्य न्यायाधीश इंद्रजीत महांति तथा न्यायाधीश विनित कुमार माथुर ने याचिकाकर्ता महेश गहलोत की याचिका निस्तारित करते हुए कहा कि हाईकोर्ट के समक्ष चारागाह, ओरण, गोचर, जोहड़, तालाब, नदी, नदी का पेटा, सार्वजनिक रास्ते, श्मशान, कब्रिस्तान आदि पर अतिक्रमण को लेकर जनहित याचिका के रूप में बड़ी संख्या में याचिकाएं दायर की रही हैं। इसे देखते हुए जयपुर पीठ ने 30 जनवरी, 2019 को जगदीश प्रसाद मीणा मामले में मुख्य सचिव को प्रत्येक जिले में पब्लिक लैंड प्रोटेक्शन सेल गठित करने के निर्देश दिए थे। जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित इस सेल का मुख्य कार्य सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण हटाने की शिकायत पर जांच के उपरांत उचित कदम उठाना है। कोर्ट ने कहा कि जिला कलक्टर की अध्यक्षता में गठित इस सेल को लेकर नियमित अंतराल पर यह आम सूचना प्रसारित की जानी चाहिए, जिनमेंं सार्वजनिक भूमि पर अतिक्रमण को लेकर शिकायत या प्रतिवेदन देने की राह बताई गई हो। ऐसी प्रत्येक शिकायत की जिला कलक्टर को उपखंड अधिकारी, तहसीलदार या नायब तहसीलदार से जांच करवानी चाहिए और शिकायत के तथ्य सही पाए जाने पर अतिक्रमण हटाने और अतिक्रमियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई की जानी चाहिए। शिकायत का कारण अभिलिखित करते हुए न केवल निस्तारण किया जाए, बल्कि उसकी सूचना शिकायतकर्ता को दी जाए। इन समान निर्देशों के साथ कोर्ट ने चैनपुरा गांव के खसरा संख्या 519, 520, 522 तथा 525 में किए गए अतिक्रमणों के संबंध में जांच के पश्चात तथ्य सही पाए जाने पर तीन महीने में विधि सम्मत कार्रवाई करने के निर्देश दिए हैं। याचिकाकर्ता को सेल के समक्ष अभ्यावेदन देने को कहा गया है।
Published on:
07 Apr 2021 07:03 pm
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