
interview with divisional commissioner, jodhpur
प्रशासनिक व्यवस्था में उदासीनता का रवैया जहां भी रहेगा, वहां अच्छे काम की उम्मीद नहीं कर सकते, बाकी बातें गौण हैं। हर अधिकारी या कर्मचारी को जनता के प्रति अच्छा व सकारात्मक रवैया रखना चाहिए। कोई भी व्यक्ति प्रशासन के पास यूं ही नहीं आता। अधिकतर लोग अपना पक्ष सुनाने व राहत की उम्मीद के साथ आते हैं। जनता की सुनना और जनता को समय देना हर अधिकारी का पहला दायित्व है।
सवाल - जोधपुर संभाग में विकास प्रतिकूल परिस्थितियों के कारण थोड़ा मुश्किल लगता है। दूसरे संभागों की तुलना में जोधपुर संभाग न पिछड़े इसके लिए क्या करना चाहिए?
जवाब - एयर कनेक्टीविटी, रोड व रेल कनेक्टिविटी सुविधा के विस्तार के साथ संभाग विकास के पथ पर और आगे बढ़ेगा। संभाग के जिलों में सड़क व रेल कनेक्टीविटी अच्छी है और जोधपुर में एयर कनेक्टिविटी विस्तार में भी अच्छे प्रयास आगे बढ़ चुके हैं। जल्द ही जैसलमेर में भी एयरपोर्ट शुरू हो जाएगा। डेजर्ट ट्यूरिस्ट सर्किट बनने से जोधपुर, जैसलमेर, माउंट आबू में पर्यटन विकास की अपार संभावनाएं रहेंगी।
सवाल - जोधपुर संभाग में विकास में ऐसा कौन-सा जिला है, जो नेतृत्व संभालने की क्षमता रखता है?
जवाब - संभाग के सभी जिलों में अच्छा काम हो रहा है। फिर भी तुलनात्मक रूप से पाली जिले में बहुत अच्छा काम हुआ है। सरकार की भामाशाह योजना, जलस्वालम्बन योजना तथा स्वच्छ भारत मिशन में अच्छा काम हुआ है। न्याय आपके द्वार में बाड़मेर में भी अच्छा काम हुआ। ऐसा वहां के कुशल नेतृत्व व आपसी समन्वय से हो रहा है।
सवाल - इस संभाग के आयुक्त के रूप में आपने किस जिले को सबसे कमजोर और चुनौतीपूर्ण पाया?
जवाब - हर जिले की अपनी अलग-अलग चुनौतियां हैं। पाली जिले में रोहट क्षेत्र में पेयजल की समस्या अहम चुनौती है, तो बाड़मेर में स्वच्छता अभियान की सफलता की। सिरोही जिले में वन इत्यादि क्षेत्रों के संरक्षण को बनाए रखते हुए विकास करना बड़ी चुनौती है।
सवाल - संभागीय आयुक्त के रूप में आपकी महत्वपूर्ण उपलब्धियां क्या रही हैं?
जवाब - सरकारी योजनाओं का सही क्रियान्वयन होना ही बड़ी सफलता है। जोधपुर में एयर कनेक्टिविटी का प्रयास सफल हुआ है। बर-बिलाड़ा विस्तार एवं रिंग रोड की योजना भी अच्छे काम में शामिल है।
सवाल - अक्सर कहा जाता है कि संभागीय आयुक्त का पद पॉवरलेस पद है, उसे किसी भी काम के लिए जिला अधिकारियों पर निर्भर रहना पड़ता है। आप क्या मानते हैं?
जवाब - पद तो एक व्यवस्था है, सरकारी काम तो आपसी समन्वय से ही होते हैं। जिले में जितने भी काम होते हैं, जिला अधिकारी डिस्कस करते हैं। मीटिंग में तमाम बिन्दुओं पर डिस्कस के बाद ही कोई काम आगे बढ़ता है।
सवाल - संभागीय आयुक्त के पद को महत्वपूर्ण बनाने के लिए क्या करना चाहिए?
जवाब - सभी पद अपनी जगह महत्वपूर्ण ही हैं। जो व्यवस्था है, वो सही है। प्रशासनिक सेटअप जिला कलक्टर के नेतृत्व में ही चलता है। जिला प्रशासन के साथ संभागीय आयुक्त का रोल सहयोग एवं मित्र का होता है। आपसी समन्वय से अच्छा काम होता है।
सवाल - जोधपुर से आपका प्रेम बहुत स्पष्ट है, जोधपुर में ऐसा क्या है, जो आपको आकर्षित करता है?
जवाब - जोधपुर की संस्कृति, आपसी सद्भाव बहुत अच्छा है। यहां की सामाजिक परम्पराएं भी अच्छी हैं।
सवाल - प्रशासन में रहते हुए सेवा के किसी ऐसे अनुभव को साझा कीजिए, जो आपके मन में बार-बार आता है?
जवाब - जब मैं गंगानगर में उपखण्ड अधिकारी रहा, तब मैंने सभी विभाग अधिकारियों से सहयोग लेकर गांवों में शिविर आयोजित किए। शिविर में गांवों की शिकायतें सुनने और उनके समाधान से जो संतुष्टि मिली, वो आज भी याद है। राष्ट्रीय विधि विश्वविद्यालय को शुरू करने से लेकर जो प्रयास हुए, वो भी मेरे लिए अविस्मरणीय हैं।
जरा हटके सवाल
सवाल - किस पद की जिम्मेदारी ज्यादा अच्छी लगी? संभागीय आयुक्त या कलक्टर
जवाब - दोनों
सवाल - प्रशासन की सबसे बड़ी समस्या या मुसीबत क्या है? भ्रष्टाचार या उदासीनता
जवाब - उदासीनता
सवाल - राजस्थान में सबसे पहले किसका अंत करना होगा? गरीबी, भ्रष्टाचार या जातिवाद
जवाब - जातिवाद
सवाल - आपको करियर शुरू करने का एक बार फिर मौका मिले, तो क्या बनना चाहेंगे?
जवाब - उच्च शिक्षा में जिम्मेदारी
सवाल - खाने में क्या ज्यादा पसंद है?
जवाब - दाल-रोटी और केर सांगरी।
Published on:
11 Jun 2016 11:56 am
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