6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

INDUSTRY—–टूटी सड़कें देख फिसला करोडों का निवेश

- इंडोनेशिया में रहने वाले जोधपुर के उद्यमी 100 करोड़ का प्लांट लगाना चाहते थे- मुम्बई के उद्यमी ने भी मैसूर शिफ्ट किया प्रोजेक्ट

2 min read
Google source verification

जोधपुर

image

Amit Dave

Oct 11, 2020

INDUSTRY-----टूटी सड़कें देख फिसला करोडों का निवेश

INDUSTRY-----टूटी सड़कें देख फिसला करोडों का निवेश

जोधपुर।
रोजी-रोटी के लिए माटी छोड़ परदेस गए कई लोग अपनी मातृभूमि से जुड़े रहना चाहते है। देश और देश के बाहर नाम कमा चुके उद्यमी अपने गृहनगर जोधपुर में करोड़ों रुपए के औद्योगिक प्रोजेक्ट के लिए स्थितियां व हालात देखे ,लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों में अव्यवस्थाओं को देख उनका मन खट्टा हो गया। उद्यमियों ने बासनी व बोरानाड़ा औद्योगिक क्षेत्रों में टूटी सड़कें, जगह-जगह से उधड़ी सड़कों, खुले नालों, लचर इंफ्रास्ट्रक्चर व लंबी सरकारी औपचारिकताओं को देख अपना प्लान ही केंसिल कर दिया।
--
इंडोनेशिया में बड़ा कारोबार, 100 करोड़ का निवेश प्लान बदला
मूलत: जोधपुर निवासी श्याम तापडिय़ा वर्तमान में जकार्ता (इंडोनेशिया) में व्यापार कर रहे है। इनके ड्राय फ्रूट्स प्रोसेस प्लांट, सुपारी, नारियल, वनीला सहित कई उद्योग-धंधे है। विश्व के कई देशों में इनके उत्पाद एक्सपोर्ट हो रहे है। इनके पहले कोल माइन्स थी। तापडिय़ा कोरोना से पहले यहां आए और यहां काजू सहित अन्य ड्राय फ्रूट्स के प्रोसेसिंग के मेगा प्लांट के लिए 100 करोड़ रुपए का प्रोजेक्ट तैयार किया लेकिन औद्योगिक अव्यवस्थाएं देख इन्होंने अपना प्लान केंसिल कर दिया।
---
सरकार का सहयोगपूर्ण रवैया नहीं
सुशील व्यास पिछले कई वर्षो से मुम्बई में अपना कारोबार कर रहे है। चावल निर्यात, आयरन उत्पाद का काम करते थे। व्यास यहां एग्रो बेस्ड प्लांट लगाना चाहते थे लेकिन टूटी सड़कें व सरकार के असहयोगपूर्ण रवैये से परेशान होकर इन्होंने प्रोजेक्ट केसिंल ही कर दिया। वहीं इन्होंने अपने भाई के साथ पूर्व में भी यहां निवेश की सोची लेकिन सरकारी स्तर पर सकारात्मक सहयोग नहीं मिलते पर इन्होंने मैसूर में करोड़ों रुपयों का कॉपर ट्यूब का प्लांट स्थापित किया। हाल ही में बाड़मेर जिले में इन्होंने मेगा सोलर प्लांट के लिए बड़ा निवेश किया है।
---
सरकार, प्रशासन, रीको को परवाह नहीं
जोधपुर इंडस्ट्रीज एसोसिएशन के पूर्व अध्यक्ष व उद्यमी आशाराम धूत ने बताया कि व्यक्तिगत व औद्योगिक संगठनों के स्तर पर सरकार, प्रशासन व रीको से औद्योगिक क्षेत्रों की सड़कों सहित अन्य दुर्दशाओं को सुधारने की मांग की । इसके बावजूद भी कुछ नहीं हुआ ऐसे में यहां आने वाला करोड़ों रुपयों का निवेश लौट गया। लघु उद्योग भारती ने भी सड़कों के हाल सुधारने के लिए आंदोलन कर रहा है।
---
मैं यहां पर करीब 100 करोड़ रुपए के प्रोजेक्ट के लिए तैयार था लेकिन औद्योगिक क्षेत्रों में सड़कों की दुर्दशा, एयर कनेक्टिविटी सही नहीं होने के व्यापार की दृष्टि से निवेश करना उचित नहीं है।
श्याम तापडिय़ा,उद्यमी
--
औद्योगिक क्षेत्रों की हालत खराब है। उद्योग के लिए लंबी कागजी कार्यवाहियों में ही उलझकर रह जाते है। व्यापार के लिए सही माहौल नहीं है।
सुशील व्यास, उद्यमी