5 दिसंबर 2025,

शुक्रवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

गौ संरक्षण व संवर्धन को बढ़ावा दे रही सरकार, यहां राजस्व बढ़ाने के लिए पंचायत सीमा में पकड़े जा रहे मवेशी

निगम के कर्मचारी पंचायत सीमा से पशु पकडऩे के बाद उन्हें नांदड़ी स्थित गोशाला ले जाते हैं। वहां पशुओं के टोकन लगाते समय गलत पता दर्शा दिया जाता है। गोशाला के रजिस्टर में भी कई पन्नों पर पंचायत सीमा से पकड़े गए पशुओं की एंट्री निगम के क्षेत्राधिकार वाले किसी अन्य वार्ड से दर्शाई गई है।

2 min read
Google source verification
jodhpur nagar nigam is catching stray cows from panchayat areas

गौ संरक्षण व संवर्धन को बढ़ावा दे रही सरकार, यहां राजस्व बढ़ाने के लिए पंचायत सीमा में पकड़े जा रहे मवेशी

जोधपुर/धुंधाड़ा. कहने तो तो सरकार ग्रामीण क्षेत्र में गौ संरक्षण और संवर्धन की बातें कर रही है, लेकिन धरातल पर उनके ही नुमाइंदे पशुपालकों के अरमानों पर पानी फेर रहे हैं। ऐसे में यदि आप पंचायत सीमा में रहकर भी पशुपालन कर रहे हैं तो सावधान हो जाने की जरूरत है। क्योंकि इन दिनों नगर निगम अपना राजस्व बढ़ाने के लिए पंचायत सीमा से भी पशुओं को पकड़ रहा है। इतना ही नहीं जिन पशुओं को पंचायत क्षेत्र से पकड़ा जा रहा है उनकी एंट्री नांदड़ी स्थित निगम गोशाला में निगम क्षेत्राधिकार से पकडऩा बताई जा रही है। पत्रिका ने पड़ताल की तो निगमकर्मियों की पोल खुलकर सामने आई।

डायरी में कर रहे गलत एंट्री
निगम के कर्मचारी पंचायत सीमा से पशु पकडऩे के बाद उन्हें नांदड़ी स्थित गोशाला ले जाते हैं। वहां पशुओं के टोकन लगाते समय गलत पता दर्शा दिया जाता है। गोशाला के रजिस्टर में भी कई पन्नों पर पंचायत सीमा से पकड़े गए पशुओं की एंट्री निगम के क्षेत्राधिकार वाले किसी अन्य वार्ड से दर्शाई गई है। ऐसा अधिकारियों को गुमराह करने व टारगेट पूरा करने के लिए किया जा रहा है। इसके अलावा ट्रोले में क्षमता से अधिक पशुओं को भरने से गोवंश चोटिल भी हो रहे हैं।

शहर में मेहरबानी
निगम को अपनी सीमा से ही पशुओं को पकडऩे का अधिकार है, लेकिन शहर में कई जगह दूध का व्यवसाय करने वालों के आवारा पशु सडक़ पर घूम रहे पशुओं को नहीं पकड़ा जा रहा है। निगम सूत्रों की मानें तो पशु पकडऩे वाली टीम के साथ मिलीभगत होने के चलते ऐसे पशुओं पर मेहरबानी की जा रही है। जबकि शहर में आवारा पशुओं से कई हादसे हो चुके हैं।

इनका कहना है
पंचायत सीमा में होने के बावजूद नगर निगम की ओर से राजस्व बढ़ाने के लिए पालतू पशुओं को पकड़ा जा रहा है। यह सही नहीं है। अधिकारियों को इसके लिए निर्देशित किया जाएगा।
- महेंद्रसिंह विश्नोई, विधायक लूणी

हमारा क्या कसूर
पंचायत समिति लूणी के पाल क्षेत्र से मेरी गाय पकड़ ली गई। अब गाय छोडऩे के लिए पांच हजार रुपए जुर्माना मांगा जा रहा है। निगम की गलती की सजा हमें भुगतनी पड़ रही है।
- ओमप्रकाश कुमार, पशुपालक

निगम के कर्मचारी शहर से आवारा पशुओं को पकड़ नहीं पा रहे और ग्रामीण क्षेत्रों से पशु पकड़ नम्बर बढ़ा रहे हैं। जागरुकता के अभाव में ग्रामीणों को भारी जुर्माना राशि देकर पशु छुड़वाना मजबूरी है। प्रशासन निगकर्मियों को पांबद करें।
- रामेश्वर गुर्जर, पशुपालक