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… तो फिर होगा गहलोत-खेतासर के बीच ‘घमासान’, पिछले चुनाव में 18 हज़ार मतों से जीत चुके हैं पूर्व सीएम

locationजोधपुरPublished: Nov 14, 2018 03:38:33 pm

Submitted by:

Nakul Devarshi

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jodhpur sardarpura seat ashok gehlot versus shambhu singh khetasar
जयपुर।
राजस्थान में विधानसभा चुनाव 2018 को लेकर हलचलें उफान पर हैं। बुधवार को पूर्व मुख्यमंत्री अशोक गहलोत और प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष सचिन पायलट ने साथ मिलकर खुद चुनाव मैदान में ताल ठोकने की घोषणा की। नई दिल्ली स्थित एआईसीसी दफ्तर पर बुलाई गई प्रेस कांफ्रेंस में पहले तो दौसा से भाजपा सांसद रहे हरीश मीणा को कांग्रेस में शामिल किया गया, फिर गहलोत ने तमाम अटकलों पर विराम लगाते हुए खुद के और सचिन पायलट के इस बार चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा भी कर डाली। गहलोत के सम्बोधन के बाद पायलट ने भी मीडिया को सम्बोधित करते हुए साफ़ किया कि वे भी इस बार के चुनाव में किस्मत आज़माएंगें।
फिर दिखेगा गहलोत वर्सेज़ खेतासर
गहलोत के चुनाव लड़ने की औपचारिक घोषणा के बाद ये तय माना जा रहा है कि वे अपनी परंपरागत और सबसे सेफ जोधपुर की सरदारपुरा विधानसभा सीट से ही चुनाव लड़ेंगें। हालांकि अभी पायलट ने इस बाबत कोई स्थिति साफ़ नहीं की है। बहरहाल, गहलोत के चुनाव लड़ने की बात से ये साफ़ हो गया है कि इस बार भी उनका सामना भाजपा नेता शम्भू सिंह खेतासर से ही होगा। खेतासर साल 2013 में भी गहलोत के सामने भाजपा के प्रत्याशी रहे थे।
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ये रहा था नतीजा
साल 2013 में ज़बरदस्त मोदी लहर भी गहलोत को इस सीट से जीत हासिल करने से रोक नहीं सकी। तब खेतासर को गहलोत के सामने चुनाव हारना पड़ गया था। इस चुनाव में गहलोत के खाते में 77 हज़ार 835 वोट पड़े थे जबकि खेतासर को 59 हज़ार 357 वोट से संतुष्ट होना पड़ गया था। इस लिहाज़ से गहलोत की जीत का अंतर 18 हज़ार 478 वोटों का रहा।
बीजेपी को फिर भरोसा
साल 2013 की तुलना में इस बार चुनावी समीकरण नए और बदले-बदले से हैं। ऐसे में दोनों ही प्रतिद्वंदियों को इस बार के चुनाव हलके में लेने की भूल नहीं करनी होगी। भाजपा की बात करें तो सरदारपुरा सीट से गहलोत का तोड़ निकालने में पार्टी अब तक नाकाम रही है। ‘जिताऊ’ कैंडिडेट के तौर पर भाजपा ने फिर से खेतासर को ही चुना है। खेतासर के अलावा बीजेपी को कोई दूसरा विकल्प नहीं दिखा लिहाज़ा फिर से उसी चहरे पर भरोसा जताते हुए रिपीट किया जा रहा है।
शंभू सिंह खेतासर भले ही चुनाव हार गए थे लेकिन उनके कद को देखते हुए सरकार बनने पर उन्हें राजस्थान खाद बीज निगम का अध्यक्ष बना दिया गया था। खेतासर हाल ही में सोशल मीडिया में वायरल हुई एक तस्वीर को लेकर चर्चा में रहे। तस्वीर में वे पीएम मोदी के स्वच्छ भारत मिशन के उलट खुले में एक दीवार पर पेशाब करते दिखाई दिए थे। हालांकि उन्होंने बाद में कहा था कि यह एक पुरानी परंपरा है और खाली पेशाब करने से गंदगी नहीं फैलती है।
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