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जोधपुर में पैंतीस साल से अधर में लटका है ‘कृष्णा नगर’

क्योंकि यहां रहने वाले लोगों को नहीं हैं अपनी पीड़ा की आवाज उठाने की फुर्सत, इसलिए नेता भी नहीं दे रहे ध्यान और अफसर मना रहे मौज

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rajnish agrawal

May 29, 2017

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यह है जोधपुर के दक्षिणी जोन के पाली रोड का कृष्णा नगर। यहां बड़े-बड़े बंगले बने हुए हैं। यहां विभिन्न पेशे से जुड़े बड़े-बड़े लोग लोग रहते हैं, लेकिन किसी के पास अपने क्षेत्र की समस्या उठाने की फुर्सत नहीं है। इसलिए यह क्षेत्र 35 साल से विभिन्न समस्याओं से जूझ रहा है।

क्षेत्र के लोगों की ओर से आवाज नहीं उठाने के कारण क्षेत्रीय पार्षद भी ध्यान नहीं दे रहे हैं और अफसरों ने भी मौज मना रखी है।

इसी क्षेत्र में 4 सेवानिवृत न्यायिक अधिकारी, 20 इंजीनियर, 20 प्रोफेसर, 3 सेवानिवृत कुलपति, 20 डॉक्टर, 4 पूर्व वैज्ञानिक, 40 शिक्षक व शिक्षाविद्, एक पूर्व विधायक, 10 व्यवसायी सहित विभिन्न क्षेत्रों में काम करने वाले अफसर निवास करते हैं, लेकिन इन अफसरों को अपने क्षेत्र की समस्याओं के समाधान करवाने की फुर्सत नहीं है।

कृ्ष्णानगर में बिगड़े हाल : एक नजर

-क्षेत्र में सीवरेज लाइन नहीं है। इसलिए गंदा पानी सड़क व नालियों में बहता रहता है।

-क्षेत्र में कुछ जगह ही डामर बिछा है, अधिकतर हिस्सा उखड़ा पड़ा है।

-तीन पार्क हैं, इसमें से दो हालात अच्छे नहीं है।

-विद्युत बाक्स खुले हैं, इसलिए हरपल हादसे की आशंका है।

-पुलिस गश्त भी प्रभावी नहीं है, इसलिए कई बार चोरियां हो चुकी है।

इसलिए अटका क्षेत्र का विकास

वीआईपी लोगों का यह क्षेत्र इसलिए गुमनामी के अंधेरे में हैं, क्योंकि इसका आधा हिस्सा नगर निगम तो कुछ हिस्सा कुड़ी भगतासनी ग्राम पंचायत में आता है। इसलिए दोनों विभागों के बीच में फुटबाल बना हुआ है। न तो ग्राम पंचायत ध्यान दे रही है और न ही नगर निगम के अफसर इस क्षेत्र के विकास को लेकर गंभीर है। आफरी की जमीन होने के कारण यहां कुछ विकास कार्य अटके पड़े हैं।

इनका कहना है.......

क्षेत्र के बिगड़े हालात को देखकर बहुत पीड़ा होती है, लेकिन जाएं तो जाएं कहां, कहीं कोई सुनवाई नहीं हो रही। प्रशासन की तरफ से कॉलोनी के विकास के लिए कुछ नहीं हो रहा। एक पार्क का सुधार करने के लिए भी क्षेत्र के लोग ही सहयोग कर रहे हैं। प्रशासन को गंभीरता से लेना चाहिए।

-देवी सिंह राजपुरोहित, क्षेत्रवासी

नगर निगम प्रशासन की लापरवाही के कारण पॉश कॉलोनी में अवैध बस्तियां बस रही है। लोग सड़कों पर कब्जा कर झुग्गियां स्थापित कर चुके हैं। झुग्गी वालों के कारण सड़कों पर गंदगी पसर रही है। पार्षद व महापौर तक को शिकायतें कर दी, कोई सुन नहीं रहा।

-प्रो. राम गोपाल, क्षेत्रवासी

मैं वार्ड पंच हूं, लेकिन विकास नहीं हो रहा है। मैंने कई बार ग्राम पंचायत व नगर निगम को अवगत कराया कि लेकिन कोई सुनवाई नहीं हो रही। पार्क बदहाल है, किसी को फुर्सत नहीं हैं कि ऐसे हालात सुधार दें।

-विमला चौधरी, वार्ड पंच

अच्छे सपने के साथ सालों पहले यहां आकर बसे थे, लेकिन सुखद सपना कभी पूरा नहीं हुआ। नगर निगम व स्थानीय प्रशासन ने इस क्षेत्र को लावारिस छोड़ रखा है। नेता भी चुनाव के दौरान ही दिखाई देते हैं। चुनाव के बाद यहां आकर किसी को हालात जानने की फुर्सत नहीं है।

-रामकृष्ण, क्षेत्रवासी

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