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पौषमास में बदली ठाकुरजी की दिनचर्या, धारण की ऊनी पोषाक, ओढ़ाई जा रही मखमली रजाई

पौषमास में सूर्यनगरी के सभी प्रमुख वैष्णव मंदिरों में ठाकुरजी की ‘दिनचर्या’ बदल गई है। ठाकुरजी को ऊनी पोषाक धारण कराने के साथ मखमली रजाई ओढाना शुरू कर दिया है।

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lord krishna temples in jodhpur

पौषमास में बदली ठाकुरजी की दिनचर्या, धारण की ऊनी पोषाक, ओढ़ाई जा रही मखमली रजाई

जोधपुर. पौषमास में सूर्यनगरी के सभी प्रमुख वैष्णव मंदिरों में ठाकुरजी की ‘दिनचर्या’ बदल गई है। ठाकुरजी को ऊनी पोषाक धारण कराने के साथ मखमली रजाई ओढाना शुरू कर दिया है।

मंदिरों में मिंगसर थाल के आयोजन शुरू हो चुके हैं। मंगला, संध्या और शयन आरती का समय बदल गया है। पुष्टमार्गीय चौपासनी श्याममनोहर प्रभु मंदिर में संध्या आरती व शयन का समय बदल गया है। मंदिर कार्यकारी समिति प्रमुख सोहन जैसलमेरिया के अनुसार ठाकुरजी के भोग में आंशिक परिवर्तन के साथ गर्म वस्त्र, अंगीठी का प्रबंध भी किया गया है।

देवस्थान प्रबंधित व नियंत्रित और पुष्टीमार्गीय मंदिरों में नियमित सेवा के साथ भोग, शृंगार, पोषाक और दर्शन के समय में परिवर्तन किया गया है। कटला बाजार स्थित कुंजबिहारी मंदिर के कपाट खुलने का समय सुबह 6 बजे से 6.30 बजे और संध्या आरती का समय शाम 7.30 से बदलकर शाम 7 बजे किया गया है। पुजारी भंवरदास निरंजनी ने बताया कि शयन आरती रात 10 की जगह 9.30 बजे होगी।

अतिरिक्त बजट का प्रावधान नहीं
मंदिरों में मिंगसर थाल व ‘पौष बड़ा’ के आयोजन श्रद्धालुओं के सहयोग से होते हैं। देवस्थान प्रबंधित मंदिरों के लिए एक दशक से राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त बजट नहीं मिल रहा है।
- जतिन गांधी, सहायक आयुक्त देवस्थान विभाग