6 दिसंबर 2025,

शनिवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

अब खाइए बाजरे का खाखरा, स्वाद पापड़ जैसा, 7 अलग-अलग फ्लेवर में उपलब्ध

केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) ने कृषक महिलाओं की आयु दुगनी करने के संदर्भ में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक प्रोजेक्ट के अंतर्गत बाजरे से खाखरा बनाया है, जो सात अलग-अलग फ्लेवर में उपलब्ध है।

2 min read
Google source verification
patrika_news__3.jpg

जोधपुर/पत्रिका न्यूज नेटवर्क। केंद्रीय शुष्क क्षेत्र अनुसंधान संस्थान (काजरी) ने कृषक महिलाओं की आयु दुगनी करने के संदर्भ में केंद्रीय विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी विभाग के एक प्रोजेक्ट के अंतर्गत बाजरे से खाखरा बनाया है, जो सात अलग-अलग फ्लेवर में उपलब्ध है। कुरकुरा और प्रोटीन युक्त होने से यह विशेषकर बच्चों के लिए काफी उपयोगी रहेगा। गौरतलब है कि संयुक्त राष्ट्र संघ वर्ष 2023 को अंतरराष्ट्रीय बाजरा वर्ष के तौर पर मना रहा है। चावल, गेहूं, मक्का, जौ और ज्वार के बाद विश्व में बाजरे की खेती का छठा स्थान है। बाजरा लगभग पूरे विश्व में 30 लाख हेक्टेयर में बोया जाता है। पश्चिमी राजस्थान के 15 जिलों में बाजरे की खेती होती है। मोटा अनाज होने की वजह से यह काफी पौष्टिक है।

यह भी पढ़ें : भरतपुर में भूखंड का सपना जल्द होगा साकार, एलपीसी की मिली मंजूरी

इस तरह तैयार किया खाखरा: काजरी की प्रधान वैज्ञानिक डॉ प्रतिभा तिवारी ने बताया कि बाजरे के आटे में थोड़ा सा गेहूं का आटा मिलाकर अन्य मसाले अदरक-लहसुन का पेस्ट, हरी मिर्च, नमक, अजवाइन, हल्दी पाउडर, लाल मिर्च पाउडर को अलग-अलग अनुपात में डाला जाता है। इसके बाद उसे रोटीनुमा आकार में डालकर पतला बेला जाता है। तवे पर किसी कपड़े या लकड़ी से दबाकर इसको तब तक भूना जाता है जब तक की रोटी कड़क न हो जाए। देखने में यह रोटी जैसा ही है, लेकिन स्वाद में रोटी से बिल्कुल अलग है। खाखरे को सीधे ही खाया जा सकता है। चाहे तो घी या मक्खन फैलाकर भी इसका सेवन कर सकते हैं।

7 तरह के अलग-अलग फ्लेवर: काजरी की ओर से 7 तरह के अलग-अलग फ्लेवर में खाखरे तैयार किए गए हैं। इसमें मैगी मसाला खाखरा, कसूरी मेथी खाखरा, पुदीना खाखरा, चाट मसाला खाखरा, पाव भाजी मसाला खाखरा, तिल खाखरा और जीरा खाखरा शामिल है। खाखरे को नाश्ते के रूप में खाया जा सकता है।

यह भी पढ़ें : दूसरी क्लास के बच्चे को रूम में बंद कर चला गया स्टाफ, रोने की आवाज सुनकर ग्रामीणों ने किया हंगामा

नाश्ते में मिलेगा पौष्टिक पदार्थ: डॉ तिवारी ने बताया कि 100 ग्राम खाखरे में 12.6 ग्राम प्रोटीन, 8.6 ग्राम वसा, 71.01 ग्राम कार्बोहाइड्रेट मौजूद है। इससे 375 किलो कैलोरी ऊर्जा प्राप्त होती है। अतिरिक्त वसा नहीं होने से यह बच्चों के लिए काफी उपयोगी है। कुरकुरा होने की वजह से बच्चों के दांत भी मजबूत रहेंगे।

3 से 6 महीने तक चलता है: खाखरा को एयर टाइट कंटेनर में रखना पड़ता है ताकि यह नरम नहीं हो। यह 3 से 6 महीने तक रह सकता है जिसके चलते स्वयं सहायता समूह से जुड़ी महिलाएं इसका निर्यात भी कर सकती है।

पौष्टिकता की वजह से खाखरे को हर उम्र के लोग किसी भी समय के भोजन के साथ सेवन कर सकते हैं। खाखरे का बिजनेस करके किसानों की आय दोगुनी हो सकती है।- डॉ ओपी यादव, निदेशक, काजरी, जोधपुर