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16 दिसंबर से लग रहा है चतुष्ग्रही योग, मांगलिक कार्यों पर विराम लगने के साथ ही प्राकृतिक विपदा की आशंका

सूर्य धनु राशि में प्रवेश के साथ ही 16 दिसम्बर को दोपहर बाद 3.44 बजे से मळमास आरंभ हो जाएगा। सूर्य के एक माह तक धनु राशि में रहने के दौरान शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। शास्त्रों के अनुसार मळमास में दान-तीर्थ स्नान व नाम जप का अनंतगुणा फल बताया गया है।

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makar sankranti 2020

makar sankranti 2020

जोधपुर. सूर्य धनु राशि में प्रवेश के साथ ही 16 दिसम्बर को दोपहर बाद 3.44 बजे से मळमास आरंभ हो जाएगा। सूर्य के एक माह तक धनु राशि में रहने के दौरान शुभ व मांगलिक कार्य वर्जित रहेंगे। शास्त्रों के अनुसार मळमास में दान-तीर्थ स्नान व नाम जप का अनंतगुणा फल बताया गया है। 14 जनवरी मकर संक्रांति के बाद ही शुभ कार्यों की स्थिति बनेगी।

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पंडित हिमांशु द्विवेदी के अनुसार मûमास में होने वाले शुभ कार्यों को सूर्य का बल नहीं मिल पाता। इसी कारण इस अवधि में मांगलिक कार्य वर्जित किए गए हैं। वर्ष 2019 का अंतिम सावा 12 दिसंबर को और वर्ष 2020 का पहला सावा 15 जनवरी को रहेगा। 15 दिसम्बर से 9 जनवरी तक गुरु का तारा भी अस्त रहेगा। इस दौरान भी मांगलिक कार्यों को निषेध रखने की मान्यता है।

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16 से चतुष्ग्रही योग
सूर्यनगरी के ज्योतिषियों के अनुसार 16 दिसम्बर से करीब एक माह तक चतुष्ग्रही योग बन रहे हैं। इससे प्राकृतिक विपदा, हिमपात, ओलावृष्टि, शीतयुद्ध, तूफान व रोग बढऩे तथा जनधन हानि की संभावना रहेगी।