
जोधपुर अपनी मायड भाषा राजस्थानी की मान्यता को लेकर शहर के तीन युवाओं ने करीब तीन साल पहले एक समिति का गठन किया। जिसका नाम राजस्थानी युवा समिति रखा गया। इस समिति के गठन के पीछे भी एक कहानी है, जिसे इन दोस्तों ने बयां की हैं। हिमांशु शर्मा ने बताया कि एक दिन चाय की थडी पर मेरे साथ प्रवीण और अरुण साहित्य और इतिहास को लेकर चर्चा कर रहे थे, ऐसे में राजस्थानी भाषा की मान्यता को लेकर काम करने का विचार आया तो राजस्थानी के लेखक आईदान सिंह भाटी से मिलने पहुंचे। जब आईदान सिंह भाटी ने अपनी मातृभाषा को वर्षो से मान्यता नहीं मिलने की चिंता जताई तो इसे एक बड़े आंदोलन के रूप में सुलझाने का फैसला करते हुए राजस्थानी युवा समिति का गठन किया गया। शहर के भाषा प्रेमियों से संपर्क करने के साथ सोशल मीडिया पर हजारों समर्थक जुटाए। ऐसे में समिति के साथ राजवीर सिंह चलकोई के जुड़ने से यह आंदोलन देखते ही देखते सियासी गलियारों तक जा पहुंचा। इन युवाओं ने पूरे राजस्थान में यात्रा करके मायड़ भाषा को मान्यता दिलाने की मुहीम को आगे बढ़ाया। सोशल मीडिया पर भी पिछले वर्ष मातृभाषा दिवस पर देशभर से खासकर राजस्थान में 225000 से अधिक ट्वीट किए गए।
Published on:
21 Feb 2024 07:59 pm
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