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Success Story: कुली पिता ने कर्ज लेकर बेटे को पढ़ाया, अब बनेगा डॉक्टर, रुला देगी राजस्थान के सौरभ की सफलता की कहानी

Jodhpur News: जोधपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सामान उठाने वाले कुली का बेटा अब डॉक्टर बनेगा। आंखों में आंसू लेकर पिता ने सुनाई बेटे के संघर्ष की कहानी।

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कुली पिता की फोटो: पत्रिका

Inspirational Story Of NEET Student: जोधपुर रेलवे स्टेशन पर यात्रियों का सामान उठाने वाले कुली के बेटे ने अपनी मेहनत, संघर्ष और सपनों के दम पर बड़ी सफलता हासिल की है। सिटी स्टेशन पर कुली बैज नंबर 74 शिवराम चौधरी के बेटे सौरभ ने NEET में अखिल भारतीय स्तर पर 523वीं रैंक हासिल की है। वह 17 साल से कुली का काम कर रहे हैं और वर्तमान में बेटा बेंगलुरु में मेडिकल की पढ़ाई कर रहा है।

बचपन से बनना चाहता था डॉक्टर

सौरभ बचपन से ही डॉक्टर बनना चाहता था। उसके पिता शिवराम बताते हैं कि बेटे ने कभी अपना लक्ष्य नहीं बदला। पढ़ाई के प्रति उसकी लगन और अनुशासन उसे हमेशा आगे बढ़ाते रहे। परिवार की आर्थिक स्थिति मजबूत नहीं थी लेकिन फिर भी शिवराम ने बेटे की पढ़ाई में कोई कमी नहीं आने दी भले उन्हें कर्ज लेना पड़े।

लेना पड़ा था कर्जा

सौरभ की डॉक्टर बनने की इच्छा के पीछे एक भावुक कहानी है। कोरोना काल में उसकी मां गंभीर बीमार हुई थीं। उस समय परिवार के हालात इतने खराब हो गए थे की कर्जा तक लेना पड़ गया था। सही चिकित्सा सुविधा नहीं मिलने पर उनका इलाज स्थानीय झोलाछाप डॉक्टरों से करवाना पड़ा। इलाज के दौरान डॉक्टरों को दवाइयों और सिरिंज का इस्तेमाल करते देखकर सौरभ के मन में डॉक्टर बनने की इच्छा और गहरी हो गई।

ये उपकरण देते हैं आगे बढ़ने की प्रेरणा

वह इलाज में इस्तेमाल हुई सिरिंज और छोटे चिकित्सकीय उपकरण घर ले आता था और उन्हें संभाल कर रखता था। आज भी उसके पास वे सभी चीजें सुरक्षित रखी हैं, जो उसे उस कठिन समय की याद दिलाती हैं और आगे बढ़ने की प्रेरणा देती हैं।

10 घंटे की रेगुलर पढ़ाई

बेंगलुरु में पढ़ाई कर रहे सौरभ का रूटीन बेहद अनुशासित रहा। वह रोजाना 8 से 10 घंटे पढ़ाई करता था। निजी कोचिंग के बाद भी वह घर पर काफी समय पढ़ाई में लगाता था। उसकी मेहनत का ही नतीजा है कि उसने NEET एग्जाम में 523वीं बेहतरीन रैंक हासिल की।