
बासनी (जोधपुर). अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) में मंगलवार को दो देहदान हुए। यह पहला मौका है कि एम्स के शरीर रचना विभाग को एक दिन में दो महिलाओं की पार्थिव देह मानव सेवा के लिए समर्पित की है।
देहदान काउंसलर मनोज मेहता ने बताया कि सरोज मेड़तिया (70) का प्रताप नगर स्थित यूआईटी कॉलोनी सी-121 में सोमवार रात 11.45 बजे आकस्मिक निधन हो गया। उनके पति समाज सेवी और जिला एवं सेशन न्यायालय जोधपुर से सेवानिवृत सोहन मेड़तिया ने देहदान की संपूर्ण प्रक्रिया को समझकर पूरा किया।
इसके बाद सरोज मेड़तिया की पार्थिव देह मानव सेवा के लिए एम्स को समर्पित की। एम्स के शरीर रचना विभाग के सहायक आचार्य आशीष नय्यर ने बताया कि एम्स में अब तक का 80 वां और जोधपुर से यह 20 वां देहदान है। नय्यर ने दोहदान प्रमाण पत्र जारी किया। इस मौके पर संजीव मेड़तिया, पुत्रियां सीमा चौपड़ा, सरिता मालू, संदीपा कोठारी ने तुरंत सहमति व्यक्त करते हुए पारिवारिक सहमति से देहदान किया।
देह को जलाने की बजाय मानव सेवा के लिए दान करना उचित
शाम को ललिता सुराणा (73) का देहदान किया गया। राजस्थान उच्च न्यायालय से सेवानिवृत अधीक्षक जेडीए कॉलोनी निवासी उमरावमल सुराणा ने बताया कि उनकी पत्नी ललिता का दोपहर 2 बजे आकस्मिक निधन हो गया। उसके बाद सुराणा ने देहदान काउंसलर से संपर्क कर प्रक्रिया पूरी की। सुराणा ने बताया कि मृत्यु के बाद यह देह किसी के काम आ सकती है तो इसको जलाने के स्थान पर मानव सेवा के लिए देहदान करना उचित है।
इसके साथ ही उन्होंने अपनी पत्नी के नेत्रदान भी किए। ललिता सुराणा ने अपने जीवन में देहदान की कार्रवाई नहीं की लेकिन निधन के तुरंत बाद नवीन सुराणा और प्रवीण सुराणा और पुत्रियां सविता लोढ़ा और मधु जैन ने सहमति व्यक्त की।नय्यर ने दोहदान प्रमाण पत्र जारी किया। इस मौके पर संजीव मेड़तिया, पुत्रियां सीमा चौपड़ा, सरिता मालू, संदीपा कोठारी ने तुरंत सहमति व्यक्त करते हुए पारिवारिक सहमति से देहदान किया।
Published on:
20 Mar 2018 09:15 pm
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