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ये है अनूठा दान, अब माताएं ​करती हैं अपना दूध दान, जाने क्या है प्रक्रिया

रक्तदान की तर्ज पर अब 'यशोदाएं' करने लगी हैं दुग्धदान, मदर मिल्क बैंक में दुग्ध जमा करने के लिए अब गांवों में होने लगे शिविर, महिलाएं उत्साह से आ रही आगे, 13 माह में 250 से अधिक ने निभाई भागीदारी  

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ये है अनूठा दान, अब माताएं ​करती हैं अपना दूध दान, जाने क्या है प्रक्रिया

ये है अनूठा दान, अब माताएं ​करती हैं अपना दूध दान, जाने क्या है प्रक्रिया

अविनाश केवलिया

जोधपुर. Blood Donation के लिए जो उत्साह अब चरम पर है और कई संस्थाएं इसमें योगदान दे रही है। लोग भी रक्तदान के लिए जागरूक हुए हैं, वहीं Milk Donation का उत्साह भी अब धीरे-धीरे बढ़ने लगा है। शहरों में न सही गांवों में यशोदाएं इसके लिए खुल कर सामने आ रही है। सरकारी स्तर पर जोधपुर में Mother milk bankसाकार नहीं हो सका। लेकिन लव-कुश संस्थान इसके लिए कार्य कर रही है। पिछले 13 माह में 13 शिविर लगा कर महिलाओं को जोड़ा है।

किसी बीमारी में जैसे रक्त की आवश्यकता होती है, वैसे ही नवजात बच्चे को यदि उसकी मां दुग्धपान नहीं करवा पाती तो उसको अन्य धात्री मां से दुग्धपान करवाया जाता है। जोधपुर में लव-कुश मदर मिल्क बैंक इस प्रकार की सेवाएं दे रहा है। कोई महिला यदि दुग्धदान करती है तो उसे संस्था छह माह तक संरक्षित रखती है। इसके बाद जरूरत पड़ने पर नि:शुल्क उपलब्ध करवाया जाता है। लेकिन चुनाैती सामने आती है जब दुग्धदान करने वाली महिलाओं की कमी होती है, इसके लिए मदर मिल्क बैंक गांव-गांव जाकर शिविर लगा रहा है।

हर शिविर में 20 से ज्यादा महिलाएं

लव कुश संस्था के प्रभारी राजेन्द्र परिहार बताते हैं कि पिछले साल मार्च माह में मदर मिल्क बैंक शुरू किया। इसके कुछ दिन बाद ही गांव-गांव जाकर शिविर लगाने शुरू किए। शुरुआत में महिलाओं को जागरूक करने व समझाइश में समय लगा, लेकिन अब तो स्वैच्छा से महिलाएं आती हैं। एक शिविर में 20 से 40 महिलाएं तक दुग्धदान करती हैं।

पत्रिका अपील : मुहिम बने तो माताओं के आंसू न निकले

संस्थान में आए दिन कई जरूरतमंद माताएं पहुंचती है और मजबूरी में दूध के लिए गुहार लगाती है। जब बैंक में उपलब्ध नहीं होता तो चुनौती बन जाता है। ऐसे में दुग्धदान भी मुहिम बने तो मदर मिल्क बैंक खाली न रहे और किसी मां को खाली हाथ न लौटना पड़े।