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मंडोर में डेढ़ करोड़ की लागत से सुधरेगा इन बच्चों का भविष्य, फिलहाल बजट स्वीकृति का इंतजार

प्रस्तावित नए भवन में संरक्षण और आवश्यकता वाले बच्चों को रखा जाएगा।

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फाइल वीडियो/मंडोर/जोधपुर. मंडोर स्थित एफडीडीआई के पीछे करीब १.५० करोड़ की लागत से सुधार गृह के लिए नया भवन बनेगा। सरकार ने वर्ष २०१७ बजट घोषणा में इसकी घोषणा की थी। इस भवन के लिए जमीन सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग को पहले से आवंटित थी। भवन निर्माण के लिए सार्वजनिक निर्माण विभाग ने जुलाई २०१७ में ही आकलन रिपोर्ट बना कर सामाजिक न्याय व अधिकारता विभाग मुख्यालय को भेज दी थी, लेकिन मुख्यालय से बजट की स्वीकृति नहीं मिलने से फाइल अभी सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग के पास ही लंबित है। प्रस्तावित नए भवन में संरक्षण और आवश्यकता वाले बच्चों को रखा जाएगा। विधि का उल्लंघन करने और संरक्षण व आवश्यकता वाले बच्चों को वर्तमान में मगरा पूंजला स्थित बाल सुधार गृह के एक ही परिसर में एक साथ रखा जा रहा है। दोनों तरह के बच्चों की देखरेख अलग-अलग तरीके की जाती है । एेसे में संरक्षण व आवश्यकता वाले बच्चों को अलग परिसर में रखा जाएगा।

भवन में होंगी सभी सुविधाए

मंडोर में प्रस्तावित नए बाल सुधार गृह में सभी आवश्यक सुविधाएं उपलब्ध होंगी। भवन में करीब ५० बच्चों के लिए सभी आवश्यक सुविधाएं मुहैया करवाई जाएंगी। भवन में बच्चों के रहने, खाने के साथ-साथ खेल मैदान भी होगा। अलग परिसर में भवन बनने से संरक्षण और आवश्यकता वाले बच्चों को बेहतर सुविधाएं दी जा सकेंगी। बजट की स्वीकृति मिलने पर आगे की प्रक्रिया शुरू की जाएगी।

-अनिल व्यास, उप निदेशक सामाजिक न्याय व अधिकारिता विभाग, जोधपुर

साल २०१६ में हुए थे तीन किशोर फरार


उल्लेखनीय है कि साल २०१६ में एक बड़ी घटना सामने आई थी। इसमें मंडोर में राजकीय किशोर गृह बाल अधिकारिता विभाग में सुरक्षा गार्ड को चकमा देकर तीन किशोर फरार हो गए थे। पुलिस ने विभाग की रिपोर्ट पर मामला दर्ज कर किशोरों की तलाश शुरु की थी। मंडोर थाना पुलिस ने बताया था कि मंडोर बाल सुधार गृह विभाग के तारक प्रसाद ने रिपोर्ट दी कि नागौरी गेट थाना पुलिस ने किशोरों से बाल मजदूरी करवाने वाले ठेकेदारों के खिलाफ कार्रवाई कर बिहार के रहने वाले 14 से 16 साल के तीन किशोरों को बाल सुधार गृह में भर्ती करवाया था। जहां से तीनों किशोर सुरक्षा गार्ड को चकमा देकर फरार हो गए थे।