सुबह ११ बजे रखी गई शृद्धांजलि सभा में केवल कुलपति प्रो पूनम सक्सेना ने अपना शोक संदेश दिया। शेष सभी शिक्षकों और छात्र छात्राओं के माइक म्यूट पर रख दिए गए। चार मिनट बाद सभा खत्म कर दी गई। छात्र और शिक्षक अपने चहेते विकल्प के लिए शृद्धांजलि के आखिरी दो शब्द तक नहीं बोल पाए थे। इसके बाद ट्विटर पर भावनाओं का ज्वार उमड़ा। कुछ देर बाद एनएलयू प्रशासन की ओर से स्पष्टीकरण दिया गया कि यह प्रोटोकाल के मुताबिक किया गया।
छात्रों के गुस्से के बाद एनएलयू ने अपराह्न ४ बजे फिर से एक शोक सभा रखी। इसमें कुलपति नहीं थी। रजिस्ट्रार नेहा गिरी, ४ शिक्षकों, ८ विद्यार्थियों और एल्यूमिनी एसोसिएशन के सदस्यों ने अपने शब्दों के माध्यम से विकल्प को शृद्धा सुमन अर्पित किए।
गत एक वर्ष से एनएलयू जोधपुर की ओर से ऑनलाइन कक्षाओं का संचालन किया जा रहा है। सूत्रों के मुताबिक इस समय विवि के १२० से अधिक छात्र छात्राएं या तो कोविड से संक्रमित है अथवा कोविड संक्रमित अपने परिजनों की सार संभाल में लगे हुए हैं। महामारी की इस घड़ी में विद्यार्थी ऑनलाइन कक्षाएं बंद करने और मिड टर्म एग्जाम स्थगित करने की लगातार डिमाण्ड रख रहे हैं लेकिन एनएलयू जोधपुर इसके लिए तैयार नहीं है। विद्यार्थियों ने कुलपति के इस्तीफा देने की भी मांग की है। एनएलयू में इस समय करीब ६५० विद्यार्थी अध्ययनरत है।