नारी निकेतनों की दशा सुधारने के निर्देशों की पालना नहीं
जोधपुरPublished: Oct 02, 2019 08:14:28 pm
-हाईकोर्ट ने दिखाई सख्ती, अगली सुनवाई से पहले पालना नहीं तो तलब होंगे विभागों के सचिव
नारी निकेतनों की दशा सुधारने के निर्देशों की पालना नहीं
जोधपुर। राजस्थान हाईकोर्ट ने प्रदेश के नारी निकेतनों में व्याप्त बदइंतजामियों को दूर करने के लिए दिए गए दिशा-निर्देशों की पालना नहीं होनेे पर गहरी नाराजगी प्रकट करते हुए राज्य सरकार को अगली सुनवाई से पहले आवश्यक कदम उठाने को कहा है। कोर्ट ने कहा कि यदि पालना नहीं गई तो संबंधित विभागों के सचिवों को सम्मन से तलब किया जाएगा। अगली सुनवाई 28 नवंबर को मुकर्रर की गई है।
न्यायाधीश संदीप मेहता तथा न्यायाधीश अभय चतुर्वेदी की खंडपीठ में एक याचिका की सुनवाई के दौरान अतिरिक्त महाधिवक्ता फरजंद अली ने पालना रिपोर्ट पेश की, जिसमें यह खुलासा हुआ कि 30 जुलाई को दिए गए निर्देशों की पालना के लिए अपेक्षित प्रयास करना तो दूर, इसके प्रस्ताव भी नहीं भेजे गए हैं। कोर्ट ने पिछली सुनवाई पर राज्य सरकार को सभी निकेतनों में नर्सिंग स्टाफ का पद पुन:सृजित करने के निर्देश दिए थे, ताकि इन निकेतनों में रहने वाली महिलाओं की देखभाल सुनिश्चित हो सके।
कोर्ट को बताया गया था कि नारी निकेतनों में रहने वाली महिलाओं को नियमित तौर पर मीडिएशन कोर्स की जरूरत है। कई महिलाएं मानसिक विमंदित, मूक व बधिर है, लेकिन नियमित तौर पर दक्ष प्रशिक्षक नहीं होने से उनके साथ उचित काउंसलिंग नहीं हो पाती। जबकि ऐसी महिलाओं पर विशेष ध्यान दिए जाने की जरूरत है। कोर्ट ने राज्य सरकार को विशेष ध्यान दिए जाने योग्य महिलाओं के लिए नियमित तौर पर दक्ष प्रशिक्षक की नियुक्ति करने तथा सभी निकेतनों में एक ओपन एयर जिम स्थापित करने के प्रस्ताव पर विचार करने को कहा था। राज्य सरकार को निकेतनों में बंद महिलाओं के लिए कौशल विकास कोर्स प्रारंभ करने की योजना तैयार करने को कहा गया, ताकि ऐसी महिलाएं मुख्यधारा में लौटने पर अपनी आजीविका अर्जित करने में सक्षम बन सके। एक भी निर्देश की पालना नहीं होने पर कोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई है। सुनवाई के दौरान न्याय मित्र डा.नुपूर भाटी ने कोर्ट को बताया कि जोधपुर व जयपुर नारी निकेतनों में मीडिएशन की सुविधा उपलब्ध करवाई गई है। जोधपुर नारी निकेतन की अधीक्षक रेखा शेखावत ने बताया कि मीडिएशन से सकारात्मक परिवर्तन देखने को मिला है। डा.भाटी ने कहा कि यदि परिवहन सुविधा उपलब्ध करवाई जाए तो वह एवं स्वयंसेवी संगठन अन्य नारी निकेतनों में मीडिएशन प्रशिक्षकों की सुविधाएं उपलब्ध करवा सकते हैं। इसकी सराहना करते हुए कोर्ट ने राजस्थान राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण के सचिव को उचित कार्यवाही करने के निर्देश दिए।