scriptसैफ, सोनाली, नीलम व तब्बू सहित पांच सह आरोपियों को नोटिस | Notice to five co-accused including Saif, Sonali, Neelam and Tabu | Patrika News
जोधपुर

सैफ, सोनाली, नीलम व तब्बू सहित पांच सह आरोपियों को नोटिस

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को 20 वर्ष पुराने काला हिरण शिकार प्रकरण में फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम, तब्बू और एक स्थानीय निवासी दुष्यंतसिंह को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह में जवाब तलब किया है। राज्य सरकार ने पांचों सह आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में लीव टू अपील दायर की थी।

जोधपुरMar 11, 2019 / 05:31 pm

जय कुमार भाटी

Notice to five co-accused including Saif, Sonali, Neelam and Tabu

Notice to five co-accused including Saif, Sonali, Neelam and Tabu

जोधपुर. राजस्थान हाईकोर्ट ने सोमवार को 20 वर्ष पुराने काला हिरण शिकार प्रकरण में फिल्म अभिनेता सैफ अली खान, सोनाली बेंद्रे, नीलम, तब्बू और एक स्थानीय निवासी दुष्यंतसिंह को नोटिस जारी कर आठ सप्ताह में जवाब तलब किया है। राज्य सरकार ने पांचों सह आरोपियों को बरी किए जाने के खिलाफ हाईकोर्ट में लीव टू अपील दायर की थी।
मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट (जोधपुर ग्रामीण) ने गत वर्ष 5 अप्रेल को 1-2 अक्टूबर 1998 की दरम्यानी रात कांकाणी गांव की सरहद में दो काले हिरणों के शिकार के मामले में मुख्य आरोपी फिल्म अभिनेता सलमान खान को पांच साल की सजा सुनाते हुए 10 हजार रुपए का जुर्माना लगाया था। कोर्ट ने इस मामले में शिकार के लिए उकसाने के आरोपी सैफ अली खान, सोनाली, नीलम, तब्बू तथा एक स्थानीय आरोपी दुष्यंतसिंह को बरी कर दिया था। राज्य सरकार ने विधिक परीक्षण के पश्चात राजस्थान हाईकोर्ट में लीव टू अपील पेश की। न्यायाधीश मनोज कुमार गर्ग की एकलपीठ में अतिरिक्त लोक अभियोजक महिपाल विश्नोई ने बहस करते हुए कहा कि यह प्रकरण शिकायत पर दर्ज किया गया था, जिसकी लीव टू अपील की मियाद छह महीने है। पूर्व में एकलपीठ ने सरकार को अपील में विलंब होने का कारण स्पष्ट करने को कहा था। विश्नोई ने कोर्ट को बताया कि ट्रायल कोर्ट ने अपने फैसले में यह माना है कि पांचों सह आरोपी शिकार के समय जिप्सी में मुख्य आरोपी सलमान खान के साथ थे, लेकिन उन्हें इस आधार पर संदेह का लाभ दिया गया कि शिकार के लिए उकसाने का स्पष्ट साक्ष्य नहीं है। उन्होंने कहा कि वन्यजीव (संरक्षण) अधिनियम के तहत शिकार के मुख्य आरोपी के साथ रहना और सहयोग प्रदान करना भी अपराध की श्रेणी में आता है, इसलिए परिस्थितिजन्य साक्ष्यों के आधार पर सह आरोपियों को बरी किया जाना न्यायोचित नहीं है। उन्होंने कहा कि तीन चश्मदीद गवाहों ने सह आरोपियों की पहचान की थी। प्रारंभिक सुनवाई के बाद कोर्ट ने पांचों सह आरोपियों के खिलाफ नोटिस जारी करते हुए आठ सप्ताह में जवाब तलब किया है।
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