
Pan masala and flavored betel nuts stir among traders in bhilwara
जोधपुर। ई सिगरेट, हुक्का बार, गुटखा, जर्दा पर पाबंदी लगाने के बाद राजस्थान सरकार अब पान मसाला ( Pan Masala ban in Rajasthan ) पर भी रोक लगाने की ओर कदम बढ़ा रही है। 17 दिसंबर को राज्य सरकार का एक वर्ष का कार्यकाल पूरा होने के मौके पर निरोगी राजस्थान अभियान चलाया जाएगा। इसके अंतर्गत प्रदेश के 20 जिलों में आयुष मेडिकल टूरिज्म पॉइंट विकसित किए जा रहे हैं जहां आयुर्वेद, होम्योपैथिक, यूनानी, प्राकृतिक चिकित्सा व योग की सुविधा पर्यटकों की दृष्टि से दी जाएगी। सभी 20 जिला कलेक्टर्स को आयुर्वेद केंद्र विकसित करने के लिए भूमि चिह्नित करने के निर्देश दिए गए हैं। यह बात मंगलवार को जोधपुर में पत्रकार वार्ता के दौरान चिकित्सा मंत्री रघु शर्मा ( raghu sharma ) ने कही।
शर्मा ने कहा कि मेडिकल ट्रांसप्लांट बोर्ड को भी पुनर्जीवित कर दिया गया है। इसके अंतर्गत किसानों को मेडिसिनल प्लांट लगाने की सलाह दी जाएगी ताकि उन्हें उचित मूल्य मिल सके। ई सिगरेट, हुक्का बार, गुटखा, जर्दा पर पाबंदी लगाने के बाद अब उन्होंने कहा कि राज्य सरकार पान मसाला की रोक के लिए भी कार्य कर रही है। चिकित्सा मंत्री से डेंगू के बढ़ते मामलों के संबंध में प्रश्न पूछे जाने पर उन्होंने बताया कि 2 दिन पहले ही प्रदेश के चिकित्सा अधिकारियों की बैठक करके डेंगू मरीजों की स्क्रीनिंग, फोगिंग और लगातार मॉनीटरिंग करने के निर्देश दिए गए हैं।
आयुर्वेद में शोध कर मरीज का शिद्दत से करें इलाज: मिश्र
डॉ. सर्वपल्ली राधाकृष्णन राजस्थान आयुर्वेद विवि दीक्षांत समारोह में राज्यपाल कलराज मिश्र ने कहा कि आयुर्वेद समृद्ध चिकित्सकीय पद्धति है। छात्र इसमें शोध कर शिद्दत से मरीज का इलाज करें ताकि लोगों को बड़े डॉक्टरों के पास नहीं जाना पड़े। डॉक्टरों पर तंज कसते हुए कहा कि मेडिकल शिक्षा अब आम नागरिक के वश की बात नहीं है।
वहीं दूसरी ओर राज्य सरकार गुजरात और बिहार की तर्ज पर अब राजस्थान में भी पूर्ण शराबबंदी लागू किए जाने को लेकर सरकार ने कवायद तेज़ कर दी है। माना जा रहा है कि सब कुछ सही रहा तो प्रदेश में भी शराबबंदी मॉडल को लागू किया जा सकता है। दरअसल, सरकार के पांच अफसरों की टीम पूर्ण शराबबंदी का मॉडल जानने के लिए बिहार जा रही है। इसे राज्य में गहलोत सरकार के शराबबंदी की ओर बढ़ते कदम के तौर पर देखा जा रहा है। अफसरों की ये टीम बिहार में पांच दिन तक रूककर वहां लागू शराबबंदी के मॉडल का बारीकी से अध्ययन करेगी। इसके बाद इन अफसरों की रिपोर्ट के आधार पर ही सरकार के स्तर पर कोई फैसला लिया जाएगा।
Updated on:
11 Dec 2019 02:01 pm
Published on:
11 Dec 2019 07:34 am
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