
- वानिकी विशेषज्ञों और वैज्ञानिकों से सलाह मशविरा कर बनाएं पौधरोपण की योजनाएं
बासनी (जोधपुर). प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के अंतर्गत जिला एवं ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों की वानिकी और गुणवता नियंत्रण व संधारण के लिए शनिवार को एक दिवसीय आमुखीकरण कार्यशाला शुष्क वन अनुसंधान संस्थान (आफरी) में आयोजित की गई।
इस मौके पर आफरी की कार्यकारी निदेशक डॉ. रंजना आर्या ने बताया कि मृदा के गुणों की जांच करके तथा मृदा की क्षेत्र में गहराई के आधार पर ही भविष्य में पौधरोपण की योजनाएं बनानी चाहिए। आर्या ने विभिन्न पौधरोपण कार्यक्रमों के लिए आफरी के वैज्ञानिकों से सलाह मशविरा करने की बात कही। कार्यक्रम में वन संवद्र्धन प्रभाग, आफरी जोधपुर के प्रभागाध्यक्ष एन. बाला ने मृदा संरक्षण और जल संरक्षण के लिए आफरी की ओर से विकसित तकनीकों को आमजन तक पहुंचाने का आहवान किया।
वाटरशेड सेल कम डाटा सेन्टर जिला परिषद् के अधीक्षण अभियंता गजेन्द्र कुमार चावला ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बारे में बताया। एन. बाला ने मृदा प्रोफाइल, जल की गुणवत्ता आदि के बारे में बताया। उन्होंने चंदन की खेती की संभावनाओं पर भी जानकारी दी। कार्यशाला में 35 अधिकारियों ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन एस. एल. मीणा ने दिया।
वाटरशेड सेल कम डाटा सेन्टर जिला परिषद् के अधीक्षण अभियंता गजेन्द्र कुमार चावला ने बताया कि प्रधानमंत्री कृषि सिंचाई योजना के बारे में बताया। वॉटरशैड सेल कम डाटा सेंटर के सहायक अभियंता (मु.) तन्मय सैन ने आईडब्लूएमपी एमआईएस के बारे में जानकारी दी।
आफरी के वैज्ञानिक डॉ. एनके बोहरा ने क्षेत्र विशेष की भौगोलिक पारिस्थितिकी, मृदा संरचना के आधार पर पौधरोपण करने तथा नर्सरी में उत्तम गुणवत्ता के पौधे तैयार करने की बात कही। उन्होंने चंदन की खेती की संभावनाओं पर भी जानकारी दी। कार्यशाला में 35 अधिकारियों ने भाग लिया। धन्यवाद ज्ञापन एस. एल. मीणा ने दिया। ज्योति प्रकाश, रणवीर सिंह , सवाईसिंह राजपुरोहित, लखपतसिंह, अखिलसिंह, राजेश मीणा आदि ने सहयोग दिया।
Published on:
24 Mar 2018 09:36 pm
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