7 दिसंबर 2025,

रविवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

Poison—यहां नदियों में बह रहा ‘जहर’, पढि़ए पूरी खबर

- ट्रीटमेंट प्लांट का इंतजार, नदियों में बह रहा जहर- रीको ने प्लांट निर्माण के लिए दी थी जमीन, अभी तक मूर्तरूप नहीं ले पाया- सांगरिया िस्थत एक ही ट्रीटमेंट प्लांट पर ही ट्रीट हो रहा शहर की 400 इकाइयों का पानी- अवैध भूमि पर चल रही इकाइयों का अनुपचारित पानी धड़ल्ले से जोजरी व खेतों में बहाया जा रहा

2 min read
Google source verification

जोधपुर

image

Amit Dave

May 11, 2022

Poison---यहां नदियों में बह रहा 'जहर', पढि़ए पूरी खबर

Poison---यहां नदियों में बह रहा 'जहर', पढि़ए पूरी खबर

जोधपुर।

औद्योगिक क्षेत्रों में टैक्सटाइल फैक्ट्रियों से निकल रहे केमिकलयुक्त रंगीन पानी को ट्रीट करने के लिए सांगरिया स्थित कॉमन एफ्लूएंट ट्रीटमेंट प्लांट (सीईटीपी) के साथ ही एक और नए सीईटीपी बनाने की घोषणा की गई थी। यह नया सीईटीपी सालावास में बनना था, तांकि दोनों सीईटीपी से टैक्सटाइल व स्टील इकाइयों का अपशिष्ट पानी उपचारित होगा। इससे जोजरी सहित आसपास की नदियों व खेतों में इकाइयों के पानी जाने पर भी रोक लगेगी और नदियां व खेत स्वच्छ रहेंगे। लेकिन सालावास में बनने वाला यह सीईटीपी मूर्तरूप नहीं ले पाया है। परिणामस्वरूप, औद्योगिक क्षेत्रों में अवैध भूमि पर संचालित हो रही करीब 300-350 इकाइयों का अनुपचारित पानी जोजरी नदी व खेतों में धड़ल्ले से बहाया जा रहा है, जिससे नदियां प्रदूषित हो रही है व खेत बर्बाद हो रहे है। इसका सर्वाधिक प्रभाव विशेषकर मानसून में धवा, डोली, अराबा आदि आसपास के गांवों में देखने को मिलता है।
------

रीको ने फाउंडेशन को दी थी जमीन
रीको जोधपुर ने औद्योगिक विकास के लिए जोधपुर पॉल्यूशन कंट्रोल एण्ड रिसर्च फाउंडेशन को निशुल्क भूमि का आवंटन किया था। रीको ने जोधपुर विकास प्राधिकरण को करीब ढाई करोड रुपए का भुगतान कर सालावास में 25 बीघा जमीन खरीदी थी। सभी आवश्यक औपचारिकताओं के बाद रीको प्रबंधन ने टोकन राशि मात्र 1 रुपए में यह जमीन फाउंडेशन को दी थी। गौरतलब है कि एनजीटी ने भी 1 मई 2014 को दिए अपने आदेश में नई सीईटीपी की स्थापना के निर्देश दिए थे।

------ --
350 करोड़ लागत, उद्यमियों ने सरकार से सहयोग मांगा

सालावास में बनने वाला सीईटीपी 25 एमएलडी (मिलियन लीटर प्रतिदिन) क्षमता वाला होगा। साथ ही यह अत्याधुनिक (जीरो डिस्चार्ज) जेएलडी तकनीक वाला होगा। इसकी लागत करीब 300-350 करोड़ आने की अमुमान है। सालावास में सीईटीपी स्थापित होने से सालावास, बासनी, तनावड़ा में लगी औद्योगिक इकाइयां जुड़ सकेगी। हाल ही में सरकार ने एक कॉर्पस फण्ड बनाकर सीईटीपी के लिए 50 करोड़ रुपए निर्धारित किए है। उद्यमियों का कहना है कि बड़े प्रोजेक्ट के लिए यह फण्ड बहुत कम है, इस फण्ड में सरकार को और अधिक राशि का प्रावधान करना चाहिए, तभी यह प्रोजेक्ट जल्द मूर्तरूप लेने की दिशा में आगे बढ़ेगा।
----

वर्तमान सीईटीपी 20 एमएलडी क्षमता वाला
वर्तमान में सांगरिया औद्योगिक क्षेत्र में संचालित हो रहा सीईटीपी पूरी क्षमता से कार्य कर रहा है। यह सीईटीपी 20 एमएलडी क्षमता वाला है। इस प्लांट के लिए भी रीको ने वर्ष 2003 में 10 एकड़ भूमि का निशुल्क आवंटन किया था। जिस पर जोधपुर पॉल्यूशन कंट्रोल एण्ड रिसर्च फाउंडेशन ने प्लांट स्थापित किया था। इस प्लांट से करीब 315 टैक्सटाइल और 90 स्टील री-राेलिंग इकाइयां जुड़ी हुई है। टैक्सटाइल इकाइयों का अधिकतम 18.5 एमएलडी और स्टील व अन्य इकाइयों का 1.5 एमएलडी अपशिष्ट पानी उपचारित किया जा रहा है। प्लांट से प्रतिदिन करीब 1.50 करोड़ लीटर केमिकलयुक्त पानी को उपचारित किया जा रहा है।
---------
प्रदेश का सबसे बड़ा प्लांट होगा
वर्तमान में प्रदेश में जोधपुर के अलावा भिवाड़ी, पाली, बालोतरा, सांगानेर में प्लांट लगे हुए है। चार जगहों में सबसे बड़ा एक इकाई के रूप में व्यवस्थित वर्तमान संचालित प्लांट जोधपुर का है। अब नए प्लांट के बनने पर यह प्रदेश का सबसे बड़ा प्लांट होगा, क्योंकि इसकी क्षमता 25 एमएलडी होगी।

---
यह प्लांट लगना नितान्त आवश्यक है। इसकी कम्प्लांयस रिपोर्ट भी एनजीटी में प्रस्तुत करनी है। प्लांट का कार्य जोधपुर पॉल्यूशन कंट्रोल एण्ड रिसर्च फाउंडेशन ट्रस्ट के स्तर पर लंबित है।

अमित शर्मा, क्षेत्रीय अधिकारी
राजस्थान राज्य प्रदूषण नियंत्रण मण्डल, जोधपुर

--