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positive story : शिक्षकों की अनूठी पहल, शादियों में पहुंच कर तांबे के लोटे से पिलाते हैं पानी, यह है वजह…

positive story बड़े सामाजिक आयोजन व शादियों में करते हैं अपील

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positive story  : शिक्षकों की अनूठी पहल, शादियों में पहुंच कर तांबे के लोटे से पिलाते हैं पानी, यह है वजह...

positive story : शिक्षकों की अनूठी पहल, शादियों में पहुंच कर तांबे के लोटे से पिलाते हैं पानी, यह है वजह...

positive story : सरकारी शिक्षक है, लेकिन enviorment के प्रति लगाव ऐसा कि जैसे ही समय मिला शादियों व सामाजिक कार्यक्रमों में पहुंच जाते हैं। गले में तख्तियां लगाकर लोगों से अपील करते हैं खाओ भले ही मण, झूठा न छोड़ों कण..., यही नहीं इसके बाद ये पानी पिलाने के लिए खुद Free service देते हैं, वह भी तांबे के लोटे में।

किसी प्रकार का Single use Plastic उपयोग होने पर शादी समारोह में इसको बदलवाने का कार्य भी कर रहे हैं।जिले के फलोदी क्षेत्र के ये सात से आठ शिक्षक हैं, जिन्होंने यह पहल शुरू की। इसके बाद इन्होंने सोशल मीडिया पर अपनी टीम बना ली। अब जिले के हर उपखंड क्षेत्र के बड़े आयोजन व शादियों में स्थानीय लोगों की मदद से सेवा करते हैं। इनकी प्रेरणा से देश के अन्य प्रदेश हरियाणा, एमपी तक से लोग जुड़ने लगे हैं और अपने-अपने क्षेत्रों में यह मुहिम चला रहे हैं।

ऐसे हुई शुरुआत

शिक्षक ओमप्रकाश विश्नोई बताते हैं कि पर्यावरण प्रेमी खमुराम विश्नोई से काफी प्रभावित हैं। इसी से प्रेरणा लेकर चार-पांच साल पहले यह मुहिम शुरू की। इसके बाद इसमें लोग जुड़ते गए। वे सप्ताह में दो से तीन ऐसे समारोह में आते हैं, जहां एक हजार से अधिक लोग जुटते हैं। एक समारोह में ये बड़ी मात्रा प्लास्टिक बचाते हैं और 100-200 लोगों का खाना भी बचा लेते हैं।

आखातीज पर बम्पर शादियों में सेवाअक्षय तृतीया के मौके पर हुए बम्पर सावों में यह टीम कई समारोह में पहुंची। सिंगल यूज प्लास्टिक गिलास, कप, थाली का प्रयोग नहीं होने दिया व झूठन भी न के बराबर करने की योजना को साकार किया। वरिष्ठ अध्यापक मोहनराम विश्नोई, मदन विश्नोई, प्रधानाचार्य हेतराम जाम्बा, कृष्णकुमार थानवी की टीम पिछले दो-तीन माह से 30 बड़े विवाह कार्यक्रमों 5 बड़े मेलों जिसमें मुकाम, जाम्बा, मरु जैसलमेर भी शामिल है, 4 बड़ी शिक्षा सेमिनारों में सेवाएं दे चुकी है।

अब तक का अचीवमेंट

- 5 वर्षों में 100 कार्यक्रमों में संदेश दे चुकी व सेवा कार्य कर चुकी है टीम।

- तांबे के लोटे से जलपान करवा कई टन सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग होने से बचाया है।

- दूल्हा दुल्हन को कपड़े की थैली, तांबे के कलश भेंटकर करते हैं।

- वृक्षारोपण के साथ अफ़ीम-डोडा की मनुहार बन्द करने की अपील भी करते हैं।