
फाइल फोटो
जोधपुर. देश भर में केवल जोधपुर में मनाए जाने वाला धींगा गवर पूजन महोत्सव चैत्र शुक्ल तृतीया से आरंभ हो जाएगा जिसका समापन वैशाख कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि याने 19 अप्रेल को होगा। धींगा गवर पूजन समापन की रात जोधपुर परकोटे के भीतरी शहर में अलग अलग जगहों पर आकर्षक गवर प्रतिमाएं स्थापित की जाएगी। रंगारंग सांस्कृतिक कार्यक्रम व सम्मान समारोह की तैयारियां शुरू हो चुकी है।
बेंतमार कमेटी करेगी तीजणियों का सम्मान
बेंतमार गणगौर मेला कमेटी चाचा की गली की ओर से तीजणियों के लिए विशेष मंच पर सांस्कृतिक कार्यक्रम और मान -मनुहार व सम्मान किया जाएगा। आकर्षक स्वांग रचने एवं श्रेष्ठ पारम्परिक गवर गीत प्रस्तुत करने वाली तीजणियों का अभिनंदन होगा। कमेटी के अध्यक्ष अनिल गोयल ने बताया कि धींगा गवर पूजन समापन के दिन आजादी के अमृत महोत्सव के तहत तिरंगा थीम पर सांस्कृतिक कार्यक्रम होगा। रविवार को चाचा की गली के गवर पूजन स्थल प्रांगण में आयोजित बैठक में कमेटी के संगठन मंत्री मनीष व्यास, मेला संयोजक आलोक चौरडि़या , सह संयोजक अनिल पुरोहित, सचिव रतन पुरोहित, उपाध्यक्ष गोपाल पुरोहित, कोषाध्यक्ष विशाल व्यास, कार्यक्रम संयोजक कैलाश गर्ग, संरक्षक जयकिशन पुरोहित, ओमप्रकाश वैष्णव, महिला मंडल की मधुबाला पुरोहित, राजेश्वरी पुरोहित, विमला व्यास आदि बेंतमार गणगौर मेले की व्यवस्थाओं पर चर्चा की व आवश्यक सुझाव दिए।
केवल जोधपुर में होता है पूजन
सुयोग्य वर की कामना और अखंड सुहाग के लिए गणगौर का परम्परागत पूजन तो पूरे प्रदेश में होली के दूसरे दिन चैत्रकृष्ण प्रतिपदा से चैत्रशुक्ल तृतीया तक होता है लेकिन गणगौर पूजन के बाद महिला सशक्तिकरण से जुड़ा धींगा गवर का अनूठा पूजन केवल जोधपुर में होता है। धींगा गवर पूजन के अंतिम दिन होने वाले मेले को बेंतमार मेले के नाम से भी जाना जाता है।
Published on:
05 Apr 2022 10:40 am
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