
rajasthan high court
राजस्थान हाईकोर्ट ने जोधपुर के पदमसर व कायलाना झील में मूर्ति विसर्जन रोकने को लेकर दायर की गई जनहित याचिका पर सुनवाई करते हुए कई निर्देश जारी किए हैं।
प्रगति रिपोर्ट पेश
वरिष्ठ न्यायाधीश गोविन्द माथुर व न्यायाधीश संजीव प्रकाश शर्मा की खण्डपीठ में राज्य सरकार व नगर निगम की ओर से प्रगति रिपोर्ट पेश की गई।
सुनवाई तीन सप्ताह तक मुल्तवी
राज्य सरकार की ओर से पेश हुए अतिरिक्त महाधिवक्ता श्यामसुंदर लदरेचा व विकास चौधरी ने पक्ष रखते हुए और समय मांगा। इस पर हाईकोर्ट ने सुनवाई तीन सप्ताह तक मुल्तवी कर दी।
पानी प्रदूषित हो रहा है
गौरतलब है कि पूर्व में याचिकाकर्ता के अधिवक्ता सुशील सोंलकी ने पैरवी करते हुए बताया कि प्लास्टर ऑफ पेरिस व हानिकारक रंगों व पेपरलेस प्रतिमाएं बनाकर बाद में उनका विसर्जन किया जाता है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है।
साबुन व डिटर्जेंट पर भी पाबंदी
इस पर हाईकोर्ट ने पदमसर व कायलाना झील में मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाते हुए सफाई व्यवस्था दुरुस्त करने के निर्देश दिए थे। हाईकोर्ट ने झीलों के पास साबुन व डिटर्जेंट का उपयोग करने पर भी पाबंदी लगा दी थी।
एक हजार मूर्तियों का विसर्जन
याचिका में कहा गया है कि हर साल करीब एक हजार मूर्तियों का विसर्जन किया जाता है, जिससे पानी प्रदूषित हो रहा है।
पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा
प्रदूषण मंडल के कानून में यह अपराध है और आईपीसी में भी यह अपराध की श्रेणी में आता है। हाईकोर्ट ने मूर्ति विसर्जन पर रोक लगाते हुए निर्देश जारी कर पालना रिपोर्ट पेश करने को कहा था।
Published on:
30 Nov 2016 10:07 am
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