
Ragging drama staged in IIT Jodhpur
जोधपुर. प्रयोगधर्मी रंग संस्था ग्रासरूट्स आर्ट सोसाइटी ( Grassroots Art Society ) के बैनर तले प्रमोद वैष्णव लिखित व निर्देशित ( written and directed by pramod vaishnava ) नाटक रैगिंग ( Ragging play ) का हाल ही में करवड़ स्थित आइआइटी ( IIT jodhpur ) में मंचन किया गया। नाटक की स्क्रिप्ट में थोड़ा सा बदलाव करते हुए रैगिंग के साथ गांधीजी को मिलाया गया तो नाटक और भी शानदार बन गया।
महात्मा गांधी ( Mahatma Gandhi ) वापस धरती पर आते हैं और अपना भारत ढूंढते हैं,पर उन्हें वह भारत नहीं मिलता। एेसे में बापू का कई बुराइयों से सामना होता है और वे कालेज में रैगिंग से रूबरू होते हैं और वही दास्तान वो एक सूत्रधार की तरह दर्शकों से साझा करते हैं, जिसमें बताया जाता है कि कैसे रैगिंग की चपेट में आने से एक युवा रवि का पूरा परिवार तबाह हो जाता है। मजाक के रूप में ही सही, किसी एक के साथ की गई रैगिंग पूरे परिवार को लील जाती है। इस स्थिति से आहत गांधी जी यह कह कर वापस जाने लगते हैं कि अब वो वापस नहीं आएंगे। यह सुनकर आइआइटी के कुछ स्टूडेंट्स गांधी जी के पास आकर उन्हें यकीन दिलाते हैं कि वो उनके सपनों का भारत वापस लाएंगे। इस तरह एक सकारात्मक बदलाव का संकेत देते हुए नाटक समाप्ति की ओर बढ़ता है।
पर्दे पर और पर्दे के पीछे
नाटक में अंकित कंसारा ने गांधी का जीवंत अभिनय किया किया।वहीं रवि ने नकुल दवे और त्रिवेणी ने उत्कर्षा का किरदार निभाया। प्रमोद वैष्णव ने बाबूजी के रूप में अदाकारी की। जबकि रश्मि ने सरबजीत कौर,शिवा ने विजय परिहार, कॉलेज के आफिसर के रूप में कमलेश तिवारी और अब्दुल सलीम टाक ने सीनियर की भूमिका में रंगाभिनय किया। नाटक में संगीत वरेण्य जोशी का था और जयपुर के शहजोर अली ने लाइट डिजाइनिंग की।
Published on:
06 Oct 2019 06:55 pm
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