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गोडावण के कृत्रिम प्रजनन की सफलता के बाद अब अंडों को सुरक्षित करने की कवायद

राज्य पक्षी गोडावण के कृत्रिम प्रजनन में सफलता के बाद अब उसके प्राकृतिक आवास में अंडों की सुरक्षा की कवायद की जा रही है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बाद राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने डेजर्ट नेशनल पार्क में गोडावण के एनक्लोजर्स से अवांछित जानवरों को बाहर करने के निर्देश दिए हैं।

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गोडावण के कृत्रिम प्रजनन की सफलता के बाद अब अंडों को सुरक्षित करने की कवायद

जोधपुर. राज्य पक्षी गोडावण के कृत्रिम प्रजनन में सफलता के बाद अब उसके प्राकृतिक आवास में अंडों की सुरक्षा की कवायद की जा रही है। केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्रालय की अनुमति के बाद राज्य के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक ने डेजर्ट नेशनल पार्क में गोडावण के एनक्लोजर्स से अवांछित जानवरों को बाहर करने के निर्देश दिए हैं।

राजस्थान हाईकोर्ट में गोडावण संरक्षण को लेकर स्वप्रसंज्ञान के आधार पर दर्ज जनहित याचिका की सुनवाई के दौरान मंगलवार को पेश अतिरिक्त शपथ पत्र में राज्य सरकार ने यह जानकारी दी। अतिरिक्त महाधिवक्ता संदीप शाह ने बताया कि हाल ही 20 सितंबर को मरु लोमड़ी, मरु बिल्ली, जंगली सुअर, नेवला तथा डेजर्ट मॉनिटर लेजार्ड को गोडावण के एनक्लोजर्स से बाहर करने के निर्देश दिए गए हैं, ताकि गोडावण के प्राकृतिक प्रजनन में सुगमता बनी रही और उनके अंडों को नष्ट होने से बचाया जा सके।

उन्होंने कोर्ट को बताया कि डेजर्ट नेशनल पार्क की वर्तमान में वैधानिक स्थिति डीम्ड सेंचुरी की है। इस सबंध मेंं अधिसूचना जारी की गई थी, जिसके बाद अलग से कोई अधिसूचना जारी करने की आवश्यकता नहीं है। उन्होंने बताया कि वर्ष 1981 में राज्य सरकार ने एक नेशनल पार्क स्थापित करने की प्रारंभिक अधिसूचना जारी की थी, लेकिन अब तक अंतिम अधिसूचना जारी नहीं हो पाई है। कोर्ट ने शपथ पत्र रिकॉर्ड पर लेने के निर्देश देते हुए अगली सुनवाई 4 नवम्बर को मुकर्रर की है।