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बीसीएमओ को नहीं किसी कार्रवाई का डर, आमजन की शिकायतों पर विभाग मौन

- चिकित्सा विभाग के खाते में बकाया पड़ी 95 शिकायतें

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बीसीएमओ को नहीं किसी कार्रवाई का डर, आमजन की शिकायतों पर विभाग मौन

जोधपुर. संपर्क पोर्टल पर शिकायतों का अंबार लगा हुआ है। इसमें चिकित्सा विभाग की 95 शिकायतें निस्तारित होने का इंतजार कर रही है। हाल ही में कलक्टर ने एक आदेश जारी कर 41 विभागों के अधिकारियों को पेंडिंग पड़ी 14 हजार से भी अधिक शिकायतों को लेकर अल्टीमेटम दिया था। इसके बाद सीएमएचओ डॉ. एसएस चौधरी ने सभी बीसीएमओ को शिकायतों का निस्तारण नहीं करने पर कार्रवाई की चेतावनी तक दी थी।
उल्लेखनीय है कि चिकित्सा विभाग में पहले चरण की 77, दूसरे चरण की 11 और तीसरे चरण की 7 शिकायतें बकाया पड़ी है।

नोटिस की भी नहीं हुई पालना

जानकारों के अनुसार सीएमएचओ ने सभी बीसीएमओ को नोटिस जारी कर दो दिन में इनका निपटारा करने को कहा था। लेकिन पांच दिन गुजर जाने के बाद भी शिकायतें कम नहीं हुई। अब सीएमएचओ डॉ. चौधरी ने सभी बीसीएमओ को लिखा है कि राजस्थान संपर्क पोर्टल पर सभी प्रकरणों का ऑनलाइन निस्तारण नहीं करने के कारण क्यों न आपके नाम निदेशालय चिकित्सा एवं स्वास्थ्य सेवायें जयपुर को भेजनकर कार्रवाई प्रारंभ करवा दी जाए।

निस्तारण के इंतजार में प्रकरण
बोरानाडा निवासी संदीप गोदारा ने बताया कि सीएमएचओ की टीम ने इस साल बोरानाडा क्षेत्र में झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई की थी। पुलिस थाने में मामला भी दर्ज करवाया। लेकिन झोलाछाप डॉक्टर फिर से वहीं पर दुकान लगाकर बैठ गया। इसकी शिकायत संपर्क पोर्टल पर की। लेकिन कोर्ट का हवाला देकर इसका निस्तारण नहीं किया। एक अन्य झोलाछाप डॉक्टर पर कार्रवाई को लेकर संपर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई गई। इसका भी निस्तारण नहीं हुआ। बिना जांचें कर रहे निस्तारित नागौर जिले के मकराना तहसील स्थित मामडोली निवासी पवन कुमार ने 19 मई को संपर्क पोर्टल पर शिकायत दर्ज करवाई थी। इसमें उन्होंने बताया कि उनकी बहन की डिलेवरी पावटा के निजी अस्पताल में हुई। भर्ती करवाते समय भामाशाह कार्ड बाद में जमा करने की बात हुई। डिलेवरी के बाद 60 हजार रुपए मांग लिए। शिकायत के लगभग एक महीने बाद सीएमएचओ ने समय पर भामाशाह कार्ड जमा नहीं करवाने का हवाला देकर प्रकरण निस्तारित कर दिया।