31 दिसंबर 2025,

बुधवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

सीनियर व रेजिडेंट डॉक्टर्स खुद नहीं चाह रहे 60 के बाद नौकरी, सरकार करवा रही 65 की आयु तक नौकरी

कोविड-19 में ड्यूटी बनी सीनियर्स के लिए जी का जंजाल

2 min read
Google source verification
सीनियर व रेजिडेंट डॉक्टर्स खुद नहीं चाह रहे 60 के बाद नौकरी, सरकार करवा रही 65 की आयु तक नौकरी

सीनियर व रेजिडेंट डॉक्टर्स खुद नहीं चाह रहे 60 के बाद नौकरी, सरकार करवा रही 65 की आयु तक नौकरी

जोधपुर. एक तरफ जहां राज्य सरकार ने मेडिकल कॉलेज अस्पतालों में बेहतरीन चिकित्सा सुविधाएं बनाए रखने के लिए सीनियर डॉक्टर्स की सेवानिवृत्ति आयु 65 की है, वहीं सीनियर्स डॉक्टर्स कोरोनाकाल में इस तरह की ड्यूटी में खौफजदा है। जोधपुर में डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज में कई सीनियर डॉक्टर्स अपने रोग बताकर प्रार्थना पत्र भी पेश कर चुके हैं, जिन पर कमेटी ने रिपोर्ट पेश कर उन्हें कोरोना ड्यूटी के लिए अनफिट भी करार दिया। डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज की बात करें तो करीब दो दर्जन चिकित्सक शिक्षक ६० प्लस आयु के हैं और 30 से 40 प्रतिशत चिकित्सक ब्लड प्रेशर व डायबिटीज सहित अन्य बीमारियों से ग्रसित हैं। ऐसे में प्रदेश में बड़े स्तर पर सीनियर डॉक्टर्स खुद कह रहे है कि उन्हें ६५ वर्ष की आयु में सेवानिवृत्ति नहीं चाहिए।

एक वरिष्ठ आचार्य ३ सहायक आचार्य जितना वेतन ले रहा
मेडिकल कॉलेज में वरिष्ठ आचार्य का वेतन करीब ढाई लाख रुपए है। जबकि एक सहायक आचार्य का वेतन 70 हजार रुपए के करीब है। ऐसे में एक वरिष्ठ आचार्य 60 वर्ष की आयु के बाद तीन सहायक आचार्य जितना वेतन कमा रहा है। ऐसे डॉक्टर्स में किसी प्रकार की एनर्जी भी नहीं होती। कोरोनाकाल में भी कई डॉक्टर्स केवल गाइडेंस का कार्य कर रहे है।

60 के बाद विभागाध्यक्ष बनाया जाना ठीक नहीं!
कई सीनियर्स डॉक्टर्स रोटेशन में 60 की उम्र के बाद विभागाध्यक्ष बन रहे है। ऐसे में कई जूनियर चिकित्सकों की पूर्व में शिकायतें रही है कि एक उम्र के बाद चिकित्सक भी अपना मानसिक संतुलन सही नहीं रख पाते। वे अपने जूनियर्स को भी बेवजह डांटते रहते है। इसकी पूर्व में कई प्रिंसिपल के समक्ष शिकायतें हो चुकी है। 60 प्लस विभागाध्यक्षों की कार्यशैली विपरीत रहती है। चिकित्सक शिक्षक मांग भी उठा रहे हैं कि 60 प्लस को विभागाध्यक्ष भी नहीं बनाया जाए।

इनका कहना हैं...
नि:संदेह हम सरकार से मांग करते हैं कि सेवानिवृत्ति की आयु ६५ नहीं रखी जाए। हम सरकार से मांग रख चुके है कि एक साथ 60 प्लस वर्ष की आयु वाले चिकित्सक शिक्षकों को सेवानिवृत्त मत कीजिए। एक साल ६५, अगले साल फिर 64 , 63, 62 व 61 व फाइनली 60 वर्ष की आयु में सेवानिवृत्त कर दीजिए। ये फार्मूला मंत्रीजी को बताया था। ताकि एक साथ फैकल्टी कम नहीं हो।
- डॉ. आरके जैनव, प्रदेशाध्यक्ष, राजस्थान मेडिकल टीचर्स एसोसिएशन

सीनियर्स चिकित्सक शिक्षक खुद नहीं चाह रहे है कि उनकी सेवानिवृत्ति आयु बढ़े, वे तो वीआरएस मांग रहे है। हिसाब से सेवानिवृत्ति की आयु 60 के ऊपर नहीं होनी चाहिए। इसके बाद बीमारों को संभालने में चिकित्सक शिक्षकों की खुद की सेहत को खतरा है।
- डॉ. राजेन्द्र फगेडि़या, अध्यक्ष, रेजिडेंट डॉक्टर्स एसोसिएशन, जोधपुर डॉ. एसएन मेडिकल कॉलेज