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थानाधिकारी-कांस्टेबल बदले, पदोन्नत हुए, बीट चार्ट नहीं बदला

- पत्रिका अभियान : सवालों में गश्त- गली-मोहल्लों में बीट कांस्टेबल संबंधी दीवारों पर लिखे नाम व मोबाइल नम्बर अपडेट नहीं

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थानाधिकारी-कांस्टेबल बदले, पदोन्नत हुए, बीट चार्ट नहीं बदला

थानाधिकारी-कांस्टेबल बदले, पदोन्नत हुए, बीट चार्ट नहीं बदला

जोधपुर.
नई सड़क के बीट चार्ट की मानें तो उदयमंदिर थानाधिकारी देरावरसिंह, बीट कांस्टेबल बींजाराम और स्टेशन रोड चौकी प्रभारी भागीरथराम हैं। जबकि वास्तविकता में देरावरसिंह पदोन्नत होकर सहायक पुलिस आयुक्त (पूर्व) पद पर नियुक्त हैं और बीट कांस्टेबल बींजाराम भी एएसआइ बन चुके हैं। भागीरथराम वर्षों पहले चौकी प्रभारी थे। वहीं, बाइजी का तालाब सार्वजनिक वाचनालय के बीट चार्ट में पुलिस उपायुक्त (पूर्व) धर्मेन्द्रसिंह, वृत्ताधिकारी (केन्द्रीय) कमलसिंह व सदर बाजार थानाधिकारी लेखराज सिहाग हैं। जबकि तीनों ही अधिकारी अन्य जगहों पर जिम्मेदारी संभाले हुए हैं।
यह स्थित है पुलिस की बीट कांस्टेबल व्यवस्था की। शहर की गली-मोहल्लों व प्रमुख स्थानों की दीवारों पर वर्षों पुराना बीट चार्ट ही नजर आ रहा है। उसमें अंकित बीट कांस्टेबल व अन्य अधिकारी पदोन्नत होकर अन्य जगहों पर जिम्मेदारियां संभाल रहे हैं। एेसे में बीट कांस्टेबल प्रणाली की उपयोगिता पर सवालिया निशान लग रहा है।
उद्देश्य : सूचना तंत्र को मजबूत करना
अपराधिक गतिविधियों की रोकथाम और सूचना तंत्र को मजबूत करने के उद्देश्य से वर्षों पूर्व बीट कांस्टेबल प्रणाली लागू की गई थी। प्रत्येक थानों के गली-मोहल्लों की बीट बनाकर प्रत्येक कांस्टेबल को उनकी सुरक्षा की जिम्मेदारी सौंपी गई थी। दीवारों पर बीट कांस्टेबल का नाम, मोबाइल नम्बर, संबंधित पुलिस स्टेशन का नाम व बेसिक टेलिफोन नम्बर और थानाधिकारी का नाम व मोबाइल नम्बर लिखे गए थे। ताकि कोई घटना होने पर आस-पास मौजूद व्यक्ति बीट चार्ट की मदद से पुलिस को तुरंत सूचित कर सके।
अधिकांश पदोन्नत, तबादलों को वर्ष बीते
शहर में अधिकांश क्षेत्रों की दीवारों पर बीट चार्ट संबंधी सूचनाएं पुरानी हो चुकी हैं। बीट कांस्टेबल ही नहीं बल्कि थाना प्रभारी व अन्य अधिकारी बदल चुके हैं। कइयों की पदोन्नति हो चुकी है और वे अन्य थानों में पदस्थापित हैं। एेसे में यदि कोई व्यक्ति इनसे सम्पर्क करते हैं तो कार्रर्वाई नहीं होती है।
सरकारी मोबाइल नम्बर व बेसिक टेलिफोन नम्बर की जरूरत
तत्कालीन पुलिस कमिश्नर जोस मोहन ने कुछ महीने पूर्व अपराध समीक्षा बैठक में बीट कांस्टेबल को लेकर दीवारों पर लिखी सूचनाओं को अपडेट करने के निर्देश दिए थे। बीट कांस्टेबल के नाम के साथ सरकारी मोबाइल नम्बर व बेसिक टेलिफोन नम्बर लिखे जाने चाहिए। ताकि पुलिसकर्मियों का तबादल होने पर फोन नम्बर वही काम आ सके।