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Traffic System: पीक ऑवर्स में मुख्य सड़कों का भी घुटने लगा दम, जाने वजह

Traffic System: बदहाल यातायात व्यवस्था के कारणों पर कोई प्रयास नहीं- लूपिंग सिस्टम भी इन्हीं मार्गों पर होना था सुचारु

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जालहल्ली जंक्शन पर बनेगा अंडरपास, यातायात होगा सुगम

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Traffic System: जोधपुर। शहर की कुछ प्रमुख सड़कें जो कि हार्ट लाइन भी कही जा सकती है, पीक ऑवर्स में दम तोड़ने की स्थिति में आ जाती है। सुबह और शाम के पीक ऑवर्स में इन मार्गों पर दूरी तय करने में सामान्य से डेढ़ से दोगुना तक समय लग रहा है। इसके कई इंजीनियरिंग तो कई व्यवस्थागत कारण भी है। लेकिन न तो कोई सरकारी विभाग और न ही प्रशासनिक अधिकारी इस ओर ध्यान दे रहे हैं।


रूट एक :
कृषि मंडी सर्किल से नई सड़क राजीव गांधी सर्किल।
- दूरी - 5 किमी
- समय - 16 मिनट (पीक आवर्स में)
- वाहन - कार
(10 से 12 मिनट समय बिना पीक आवर में )


सुबह 9 बजे से 10.30 बजे और शाम को 6 बजे से 8 बजे के बीच शहर की सड़कों पर सर्वाधिक रश रहता है। इस मार्ग तो रात 12 बजे तक भी स्थिति काफी बदहाल हो जाती है। सुबह 9.45 बजे कृषि मंडी सर्किल से सफर शुरू किया, जो कि मुख्य मार्ग से होते हुए राजीव गांधी सर्किल पर खत्म हुआ। कई मुख्य चौराहों पर बेतरतीब घुसते वाहन और आस-पास खडे़ ठेला चालकों से बदतर होते चले जाते हैं। 16 मिनट का समय लगा जो कि दोपहर या रात के समय कम ट्रैफिक में महज 10 मिनट ही लगता है।


रूट दो :
राजीव गांधी सर्किल से पांचवा पुलिया चौपासनी तक
- दूरी - 6 किमी
- समय - 21 मिनट
- वाहन - कार
(13 से 15 मिनट समय बिना पीक आवर में )


सुबह के 10.15 बजे से इस मार्ग पर सफर शुरू किया। अत्यधिक यातायात दबाव। कुछ समय तो ट्रैफिक लाइट्स भी खा जाती है। लेकिन संकरी सड़क व सिटी बसों के भारी दबाव के कारण स्पीड 10 से 20 के बीच ही घुमती रहती है। इसी कारण 6 किमी का यह सफर तय करने में करीब 21 मिनट का समय लग गया। जब सामान्य तौर पर यह सफर 12 मिनट में पूरा किया जा सकता है। हालात यह है कि मुख्य चौराहों पर भी यातायात नियमों की पालना नहीं हो रही।
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इसी मुख्य हार्ट लाइन पर लूपिंग व एलिवेटेड सड़क प्रस्तावित
इस मुख्य सड़क पर सबसे ज्यादा यातायात दबाव रहता है इसी पर एनएचएआइ की ओर से एलिवेटेड रोड प्रस्तावित है। साथ ही राज्य सरकार की ओर से इसी सड़क पर ट्रैफिक लूपिंग सिस्टम भी प्रस्तावित किया गया, जिसे जेडीए को पूरा करवाना था। यातायाता नियंत्रण बोर्ड भी लगातार शहर में यातायात सुगम करने के लिए बैठकें करता है, लेकिन फिर भी हालात सुधरने की बजाय बिगड़ रहे हैं।