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टिड्डी से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने निकाला रास्ता, अब मोबाइल एप से मिलेगी लोकस्ट का रियल टाइम डाटा

यूएनओ से सम्बद्ध खाद्य एवं कृषि संगठन ने अमरीका के पेनसिलवेनिया स्थित पेन स्टेट विश्वविद्यालय के साथ पिछले महीने एमओयू किया था। विवि को क्लाउड कम्प्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में महारत हासिल है। एफएओ ने विवि को टिड्डी के डाटा उपलब्ध करवाए।

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united nations developed mobile app for locust real time data

टिड्डी से निपटने के लिए संयुक्त राष्ट्र ने निकाला रास्ता, अब मोबाइल एप से मिलेगी लोकस्ट का रियल टाइम डाटा

गजेंद्र सिंह दहिया/जोधपुर. अफ्रीका, मध्य पूर्व और दक्षिण एशिया में टिड्डी (डेजर्ट लोकस्ट) की भयावह स्थिति को देखते हुए संयुक्त राष्ट्र संघ (यूएनओ) ने तीन दिन पहले एण्ड्रोइड मोबाइल एप्लीकेशन लॉन्च किया है। इसमें टिड्डी के रियल टाइम डाटा अपडेट रहेंगे। इससे टिड्डी दल की वास्तविक स्थिति और उस पर पेस्टीसाइड स्प्रे में मदद मिलेगी।

यूएनओ से सम्बद्ध खाद्य एवं कृषि संगठन ने अमरीका के पेनसिलवेनिया स्थित पेन स्टेट विश्वविद्यालय के साथ पिछले महीने एमओयू किया था। विवि को क्लाउड कम्प्यूटिंग, आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस में महारत हासिल है। एफएओ ने विवि को टिड्डी के डाटा उपलब्ध करवाए। विवि ने बहुत कम समय में ई-लोकस्ट-3एम मोबाइल एप विकसित कर दिया। इसे गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड किया जा सकता है।

पहले सेटेलाइट से मिलते थे डाटा
वर्ष 2003-05 में टिड्डी की रियल टाइम जानकारी के लिए एफएओ ने प्रत्येक देश में राष्ट्रीय टिड्डी अधिकारी की नियुक्त की थी, जो फील्ड के सर्वे डाटा सेटेलाइट से राष्ट्रीय टिड्डी केंद्र भेजता था। इसके बाद 2015 में ई-लोकस्ट-3 साफ्टवेयर विकसित किया गया। फिर भी काम आसान नहीं हुआ तो अब सीधा मोबाइल एप्लीकेशन उतारा है। स्मार्ट फोन के जरिए टिड्डी नियंत्रण अधिकारी एप से सीधे डाटा भेजने के साथ रियल टाइम जानकारी ले भी सकेंगे। आने वाले समय में इस एप्लीकेशन से किसान भी अपने इलाके में टिड्डी की स्थिति, उनका मार्ग और नियंत्रण के लिए आवश्यक संसाधन की जानकारी प्राप्त कर सकेंगे।

पंजाब बॉर्डर पर है टिड्डी
एफएओ की ओर से जारी ताजा बुलेटिन के मुताबिक भारत और पाकिस्तान के मध्य पंजाब बॉर्डर पर टिड्डी के कुछ छितराए दल हैं। दोनों देशों के पंजाब प्रांत में फसल होने की वजह से टिड्डी तारबंदी पार करके इधर-उधर आ जा रही है। वहीं पूर्वी अफ्रीकी देशों ईथोपिया, सोमालिया और केन्या में भयावह स्थिति है। ईरान सहित आस-पास के खाड़ी देशों में टिड्डी लगातार प्रजनन कर रही है।

इनका कहना है...
एफएओ ने नया मोबाइल एप विकसित किया है जो अगले सप्ताह तक हमें मिल जाएगा। इससे हम अपने स्मार्ट फोन के जरिए ही टिड्डी के रियल टाइम डाटा भेज सकेंगे। इससे टिड्डी नियंत्रण में तेजी आएगी।
- डॉ. केएल गुर्जर, उप निदेशक, टिड्डी चेतावनी संगठन जोधपुर