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आंकड़ों में बढ़़ी बिजली आपूर्ति फिर भी फसलें सूखी, किसान हो रहे चिंतित..

बिजली पर खींचतान, अधूरी पाण, चार लाख हैक्टेयर के रबी पर संकट

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जोधपुर

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Chen Raj

Jan 12, 2018

increased power supply in the statistics but the crops are dry

increased power supply in the statistics but the crops are dry

जोधपुर के खेतों में लहलहाने वाली करीब 4 लाख हैक्टेयर रबी की फसल पर संकट छाने लगा है। यह संकट मौसम की वजह से नहीं, बल्कि बिजली की वजह से पैदा हो गया है। डिस्कॉम की ओर से किसानों को कृषि कनेक्शन के लिए की जा रही बिजली आपूर्ति तय से कम समय में की जा रही है। इससे समय पर सिंचाई पूरी नहीं हो पा रही है। खेतों में पाण अधूरी रह रही है। डिस्कॉम यह हकीकत समझने के लिए तैयार नहीं है। इधर, डिस्कॉम का दावा है कि तय ब्लॉक के अनुरूप किसानों को पूरी बिजली आपूर्ति की जा रही है। आंकड़े इसके गवाह हैं। डिस्कॉम और किसानों में चल रही यह खींचतान फसलों पर भारी पड़ रही है।

175 लाख यूनिट खपत रोजाना, फिर भी खेत प्यासे

किसानों को रबी की सिंचाई के लिए तीन ब्लॉक में बिजली दी जा रही है। डिस्कॉम का दावा है कि दिन में छह घंटे व रात में सात घंटे बिजली दी जा रही है। सुबह 5 से 11 बजे तक, दोपहर 11 बजे, शाम 5 बजे तक व रात 10 से सुबह 5 बजे तक ब्लॉक के हिसाब से किसानों को अलग-अलग क्षेत्रों में बिजली आपूर्ति होती है। जिस दिन से रबी की सिंचाई शुरू हुई, तब से जोधपुर जिला वृत्त में बिजली आपूर्ति का आंकड़ा 175 लाख यूनिट रोजाना पहुंच गया है, लेकिन किसानों का कहना है कि तय ब्लॉक के अनुरूप बिजली नहीं मिल रही है। डिस्कॉम खेतों में आ कर हकीकत देख सकता है। कृषि कनेक्शन वालों रोजाना आधे से एक घंटे कम बिजली दी जा रही है। इससे किसानों की पाण अधूरी रह जाती है। बिजली की कमी से फसलें खराब हो सकती हैं।

सबसे अधिक असर गेहूं, सरसों व जीरा पर


बिजली की कमी के कारण अधूरी पाण का सबसे अधिक असर सरसों, गेहूं व जीरा पर पड़ रहा है। गेहूं को सबसे अधिक पानी की जरूरत होती है, ऐसे में बिजली आपूर्ति पूरी नहीं होने से पाण पूरी नहीं हो पा रही है। यही हाल जीरा व सरसों का है। इस महीने समय रहते पूरी बिजली नहीं मिली तो फसलें अधपकी रह सकती हैं। अकेले जोधपुर जिले में चार लाख हैक्टेयर से अधिक रबी की बुवाई हो चुकी है।

डिस्कॉम फील्ड से सर्वे करवा ले

भारतीय किसान संघ के प्रतिनिधि तुलछाराम सिंवर का कहना है कि डिस्कॉम किसानों को पूरी बिजली नहीं दे रहा है। डिस्कॉम चाहे तो इसका फील्ड में सर्वे करवा सकता है। रात-दिन के तय ब्लॉक से भी कम बिजली मिल रही है। फसलों की सिंचाई पूरी नहीं हो पाती है। यही हाल रहा तो किसानों को बड़ा नुकसान हो सकता है। सरकार बिजली व्यवस्था सुचारु करवाए।


पूरी बिजली दे रहे

किसानों को कृषि कनेक्शन के लिए दिन में 6 व रात में 7 घंटे के ब्लॉक में बिजली आपूर्ति की जा रही है। किसान सिंगल फेज की आपूर्ति से कृषि पम्प चलाना चाह रहे हैं, जो सिस्टम के लिए ठीक नहीं है। रबी की वजह से ही आपूर्ति का आंकड़ा बढ़ा है।
- एमएल मेघवालअधीक्षण अभियंताजोधपुर जिला वृत्त, जोधपुर