
GST--- गरीबी में आटा गीलाः आटा-दाल-चावल कम खरीदो, महंगा खरीदो
जोधपुर।
पेट्रोल-डीजल, रसोई गैस की बढ़ी कीमतों के साथ जीवन यापन कर रहे आम आदमी पर अब और महंगाई की मार पड़ने वाली है। केन्द्र सरकार की ओर से सोमवार से आटा-दाल, गेंहू-चावल, दलहन सहित अन्य खाद्य पदार्थेां पर 5 प्रतिशत गुड्स एण्ड सर्विस टेक्स (जीएसटी) लागू कर देने से ये वस्तुएं महंगी हो गई है। वजन के अनुसार जीएसटी, उत्पादोंं की पैकिंग पर जीएसटी व खुले माल पर जीएसटी नहीं लगने सहित कई विसंगतियां है, जो महंगाई, मिलावटखोरी बढ़ाने के संकेत दे रही है। हालांकि केंद्रीय अप्रत्यक्ष कर एवं सीमा शुल्क बोर्ड (सीबीआईसी) ने इसके समाधान का हवाला दिया है। जिसके अनुसार 1 से 25 किलो तक पैक आटा-दाल, गेंहू-चावल आदि पर जीएसटी लगेगी। 25 किलो से ऊपर पैक इन उत्पादों पर जीएसटी नहीं लगेगा। देश के व्यापारियों की ओर से 16 जुलाई को अनाज मंडि़या, आटा-दाल मिलें बंद रख इन उत्पादों से जीएसटी हटाने की मांग की गई थी, लेकिन कोई असर नहीं हुआ।
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25 किलो से अधिक की पैकिंग की खरीदारी न के बराबर
आम व निम्न मध्यम वर्ग को राहत मिलती नजर नहीं आ रही है। अमूमन यह देखा जाता है कि 25 किलो से अधिक की पैकिंग की ग्राहकी-खरीदारी न के बराबर होती है। जो छोटी पैकिंग या कम वजन का सामान लेगा, तो उसे पैक्ड आयटम पर जीएसटी देनी होगी। एक निम्न व मध्यम वर्ग 1,5, 10 या 25 किलो पैकिंग तक का आयटम की खरीद करता है। इससे इनको जीएसटी सहित ज्यादा दाम चुकाकर खरीदारी करनी होगी। इससे ज्यादा की पैकिंग यानि 30,40,50 या इससे ज्यादा को जीएसटी के दायरे से बाहर रखा गया है, जिसकी खरीदारी एक आम व निम्न वर्ग के लोगों के लिए मुश्किल है।
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खुले माल खरीदने पर जीएसटी नहीं, पर मिलावटखोरी बढ़ने की आशंका
एक ग्राहक यदि दुकान पर आटा, दाल, चावल, गेंहू आदि खरीदने जाएगा, और दुकानदार ग्राहक को खुला माल बेचेगा या ग्राहक के सामने माल पैक कर बेचेगा, तो उस पर जीएसटी नहीं लगेगा। लेकिन खुले में माल बेचने पर मिलावटखाेरी बढ़ने या हल्की क्वालिटी के माल की आशंका बढ़ सकती है। वहीं, सील या पैक्ड आयटम में ग्राहक को क्वालिटी की तसल्ली रहती है।
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यह कदम उठाएंगे व्यापारी
- मिलर्स, होलसेलर्स, रिटेलर आपस में ही 25 किलो से अधिक की पैकिंग का व्यापार बढ़ाएंगे।
- व्यापारी अपने स्टॉक में 25 किलो से कम की पैकिंग का उपयोग कम कर सकते है।
- कई कारोबारियों के पास पुराना स्टॉक पड़ा है, वे अब इसकी बिक्री भी जीएसटी की नई दरों के अनुसार करेंगे।
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यू होगी जेब ढीली
आयटम----- जीएसटी से पहले भाव-------- जीएसटी सहित भाव
- 25 किलो आटा--------- 720-740-------------------- 780-795
- 25 किलो चावल------- 1225-1240-------------------- 1375-1390
- 25 किलो गेंहू----------- 650-665---------------------- 725-740
- 10 किलो मूंग दाल--- 785-800---------------------------- 840-850
- 10 किलो चना दाल--- 575-600---------------------------- 630-645
- 10 किलो अरहर दाल-- 900-975--------------------------- 1025-1040
- 1 किलो पोहा--------- 50-52-------------------------------- 55-57
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पहले ही महंगाई की मार झेल रहे है। जीएसटी से अब रोजमर्रा की खाद्य वस्तुएं और महंगी हो जाएगी। सरकार को महंगाई नियंत्रण पर कदम उठाने चाहिए।
रेशमबाला, नौकरीपेशा
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पेट्रोल, रसोई गैस के बाद आटा, दाल-चावल आदि महंगे हो गए है, जीएसटी से और महंगे हो जाएंगे। इससे घर चलाना मुश्किल हो रहा है।
निरमा गेंवा, गृहिणी
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महंगाई बढ़ने से घर का बजट गड़बड़ा रहा है। सरकार को महंगाई पर प्रभावी नियंत्रण कर आम आदमी को राहत देनी चाहिए।
लीनासिंह, गृहिणी
Published on:
19 Jul 2022 02:28 pm
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