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जोधपुर में लापता हुई मास्टर प्लान की इन पांच सड़कों को कौन खोजेगा?

मरते शहरों को संजीवनी : लाखों क्षेत्रवासियों को 12 साल पहले बने शहर के दूसरे मास्टर प्लान में प्रस्तावित सड़कों के बनने इंतजार, रामेश्वर नगर, सरस्वती नगर, कुड़ी भगतासनी, कृष्णा नगर, करणी नगर सहित 30 कॉलोनियों की बुनियादी जरूरत, 2.40 लाख लोग प्रभावित हैं इन सड़कों के कारण

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rajnish agrawal

May 29, 2017

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जोधपुर में मास्टर प्लान की दुर्दशा का बड़ा नमूना देखना है तो शहर के दक्षिणी जोन यानि बासनी क्षेत्र की उन पांच सड़कों की तलाश करनी होगी, जो मास्टर प्लान में तो हैं, लेकिन जमीनी स्तर पर गायब है।

स्थानीय प्रशासन व जेडीए के अफसरों की ढिलाई कारण मास्टर प्लान में दर्ज सड़कें कहां गई, अफसरों से जवाब तक नहीं दिया जा रहा है। लापता हुई सड़कें बासनी, कुड़ी भगतासनी, रामेश्वर नगर व कृष्णानगर की हैं।

इस क्षेत्र को शहर से जोडऩे के लिए 12 साल पहले बनाए मास्टर प्लान में प्रस्तावित 5 सड़कें कागजों में दफन होकर रह गई है। जिसका खामियाजा क्षेत्र की ढाई लाख जनता भुगत रही है।

क्षेत्र के बाशिंदों के जेहन में बड़ा सवाल उभर रहा है कि अब जो तीसरा मास्टर प्लान लागू होगा इसमें इससे पहले वाले मास्टर प्लान में प्रस्तावित सड़कों की स्थिति स्पष्ट की जाएगी या उसे जस का तस छोड़ दिया जाएगा।

जिस हाल में पिछले 12 सालों से पाली रोड के एक तरफ करीब 30 कॉलोनियां बस गई। यहां मास्टर प्लान की प्रस्तावित सड़कें एक तरह से गायब ही है। इन सड़कों के रूट की भौतिक स्थिति का पता जेडीए के अफसरों को भी नहीं है। इसलिए इन सड़कों की स्थिति स्पष्ट करने के बारे में इतने सालों में किसी अधिकारी ने कोई कारगर पहल ही नहीं की।

यहां के स्थानीय लोग इन सड़कों के लिए लगातार कई बर्षों से संघर्ष कर रहे हैं लेकिन इन कॉलोनियों के लिए जमीन अवाप्त करने वाले कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड और मास्टर प्लान बनाने वाले जेडीए के जिम्मेदारों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही है।

ई हाकिम बदले फिर भी नहीं हुई पहल

इस दौरान कलक्टर सिद्धार्थ महाजन, नवीन महाजन, प्रीतम बी यशवंत, विश्वजीत मलिक और जेडीए आयुक्त जोगाराम, दुर्गेश बिस्सा सहित दर्जनों नेताओं और अफसरों तक लोगों ने इन सड़कों के लिए रास्ते में आ रहे मकानों को मुआवजा देकर रास्ता निकालने की मांगें रखी, लेकिन आज दिन तक कोई सुनवाई नहीं हुई। इससे पता चलता है कि सरकारी महकमे बुनियादी सुविधाओं के लिए कितने उदासीन रहे हैं। यहां के लोग अब भी उम्मीद बनाए बैठे हैं।

यह हैं पांच सड़कों की कहानी-

शहर का दूसरा मास्टर प्लान 2003 में लागू हो गया था। इसमें कुड़ी भगतासनी और बासनी क्षेत्र की कॉलोनियों में यातायात को सुगम बनाने के लिए 5 सड़कें चिन्हित की गई है। ये सड़कें, बासनी, कुड़ी भगतासनी, मधुबन बस स्टैंड पाली रोड को सीधे जोड़ती है लेकिन अफसरों की लापरवाही के चलते इन रास्तों पर साल दर साल अतिक्रमण होते गए, ये सड़कें कई जगह अवरूद्ध होकर गायब ही हो गई।

कई जगह इनकी चौड़ाई कम हो गई। जेडीए ने समय समय पर विज्ञापन निकालकर अतिक्रमयिों को चेताया लेकिन उसका कोई असर नहीं रहा। अतिक्रमी काबिज होते गए और कार्रवाई ठंडे बस्ते में चली गई।

1. बासनी कृषि मंडी रोड-

रूट ऑफ वे : कृषि मंडी बासनी से सरस्वती नगर, रामेश्वर नगर, कुड़ी भगतासनी सेक्टर 2 से पहले केके कॉलोनी देवनारायण मंदिर तक प्रस्तावित।

- चौड़ाई 80 फीट

वर्तमान स्थिति :

ये सड़क पाली रोड कृषि मंडी से शुरू होती है वहां से सरस्वती नगर से होते हुए रामेश्वर नगर बोर्ड प्रवेश करती है। बोर्ड के 500 मीटर दूरी पर जाकर यह रोड खत्म हो जाती है। आगे कच्चा रास्ता निकल जाता है। जहां इसे चिन्हित किया गया था वहां अब मकान बने हुए हैं। इस रूट ऑफ वे पर कई मकान मालिकों ने अतिक्रमण कर रखा है।

एक तरह से इसका अब कोई निश्चित रूट ऑफ वे नहीं है। अब कुड़ी भगतासनी जाने वाले लोग जनता कॉलोनी, मदन सिंह आर्य नगर, रामेश्वर नगर सेक्टर डी की गलियों से घूम कर कुड़ी भगतासनी जाते हैं।

2. बासनी रेलवे स्टेशन रोड-

रूट ऑफ वे : बासनी रेलवे स्टेशन से सरस्वती नगर, मधुबन हाउसिंग बोर्ड के दक्षिण में किसान गोदाम तक प्रस्तावित।

- चौड़ाई 80 फीट

वर्तमान स्थिति :

यह रोड बासनी रेलवे स्टेशन से रामेश्वर नगर बोर्ड से आगे से निकलते हुए 2 किमी दूर संगम नगर तक जाकर समाप्त जाती है। ये आगे डेढ किलोमीटर और अगर बनती तो कृष्णा नगर, करणी नगर, डीडीपी नगर, मधुबन कॉलोनी से सीधे रेलवे स्टेशन के लिए रास्ता बन जाता है। इससे काफी बड़ी संख्या में लोगों को रेलवे स्टेशन पहुंचने में आसनी हो जाती है लेकिन इस रोड पर भी अतिक्रमण हो गए।

3. मधुबन बस स्टैंड रोड-

रूट ऑफ वे : पीएनबी बैंक से मधुबन बस स्टैंड होते हुए कुड़ी हाउसिंग बोर्ड सेक्टर 3 तक प्रस्तावित।

- चौड़ाई 60 फीट

वर्तमान स्थित :

यह रोड पीएनबी रोड से शुरू होकर मधुबन सिटी बस स्टैंड तक जाती है वहां तक इस रोड पर कहीं मकान मालिकों ने तो कहीं दुकानदारों ने अतिक्रमण कर रखा है। कुछ दूरी पर तो यह सड़क 20 फीट ही है।

मधुबन से आगे निकलते ही पूरी चौड़ाई है, लेकिन मदन सिंह आर्य नगर के कॉर्नर पर घुमते ही इसकी चौड़ाई 20 फुट ही रह जाती है। इस रोड पर कई जगह 40 फुट की जगह तक अतिक्रमण हो रखा है।

4. किसान गैस गोदाम रोड-

रूट ऑफ वे : पाली रोड से कृष्णा नगर, किसान गैस गोदाम होते हुए कुड़ी भगतासनी हाउसिंग बोर्ड सेक्टर 6 तक प्रस्तावित।

- चौड़ाई 80 फीट रोड

वर्तमान स्थिति :

यह सड़क पाली रोड से शुरू नहीं हो सकी है। इस सड़क मार्ग की शुरूआत में आफरी ने चारदीवारी बनाकर पक्का निर्माण करा लिया। ऐसे में यह रोड दूसरे लिंक रोड जो पीएनबी बैंक से मधुबन बस स्टैंड से शुरू होती है।

इस रोड के लिए जेडीए को 300 से 400 फीट का टूकड़ा ही अवाप्त करना था लेकिन वह भी अभी ठंडे बस्ते में ही पड़ा होने से आगे कार्रवाई नहीं हो सकी है।

5. कुड़ी हाउसिंग बोर्ड से पाली रोड-

रूट ऑफ वे : कुड़ी हाउसिंग बोर्ड सेक्टर 6 से विजयराजे नगर पाली रोड तक प्रस्तावित है।

वर्तमान स्थिति :

शुरूआत से ही इस सड़क की चौड़ाई मुश्किल से 60 फुट की नजर आती है। यह रोड थोड़ी दूर जाकर सेक्टर 6 में ही समाप्त हो जाती है। यहां बीच रोड पर मकान बने हुए हैं। इसके आगे भी कई लोगों ने कब्जे कर रखे हैं।

इसलिए यह रोड पाली रोड से जुड़ नहीं पाई। यह रोड बनती तो सूरज गार्डन के सामने निकलती है और कुड़ी के साथ बासनी को भी सीधे पाली रोड से जोड़ती है। इससे करीब 5 किमी के दायरे में यातायात सुगम हो जाता।

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