सोशल मीडिया पर एक महिला ग्रुप संचालिका प्रेमवती बताती हैं कि आज ऑनलाइन बाजार समय की मांग बन चुका है। शहर में महिला उद्यमियों ने विभिन्न व्हाट्सएप ग्रुप्स बन रखे हैं, उन ग्रुप्स में उत्पाद शेयर किए जाते हैं। व्हाट्सएप पर पूरी सप्लाई चेन चलती है। मैन्यूफे क्चर्स से लेकर रिटेलर्स, सभी ने अपने टार्गेट ग्रुप को व्हाट्सएप के जरिए पकड़ रखा है और समय-समय ये ग्राहक उनका सामान खरीद भी रहे हैं।
– निशुल्क एडवाइटजिंग
– व्हाट्सएप के जरिए टार्गेट ग्रुप से सीधा जुड़ाव
– सैकंड्स में नए उत्पाद व ट्रेंड्स को शेयर करना।
– उत्पाद पसंद करने के बाद ग्राहक खुद दुकान पर आकर सामान लेता है।
– ऑनलाइन डिलेवरी में व्हाट्सएप पर लोकेशन भी आसानी से पता चल जाती है।
– सामान में गड़बड़ी की संभावनाएं कम होती हैं, क्योंकि सीधा जुड़ाव रहता है।
– ग्रुप्स में रीव्यूज भी व्यापार के बढऩे का अवसर देते हैं।
आठवीं उत्तीर्ण हूं। आत्मनिर्भर बनना चाहती थी तथा घर खर्च में पति की मदद करना चाहती थी इसलिए करीब दो वर्ष पूर्व घर से ही राजपूती पोशाकें बेचने का काम शुरू किया था। अधिक से अधिक लोगों तक मेरे उत्पादों की जानकारी पहुंचे तथा बिक्री बढ़े इसलिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म, फेसबुक, इंस्टाग्राम, व्हाट्सएप पर उत्पादों को शेयर करती रहती हूं। जिनके देश भर से ऑनलाइन ऑर्डर भी मिलने लगे। उत्पाद का पेमेंट ऑनलाइन मिलने के बाद ग्राहक के एड्रेस पर कोरियर से ड्रेस भेज देती हूं। सोशल मीडिया के जरिए व्यापार बढ़ाने में काफी मदद मिली। प्रतिमाह करीब २५ हजार रुपए तक कम लेती हूं।
– राखी वैष्णव, डाली बाई सर्किल के निकट
पिछले करीब १८ सालों से सिलाई-कढ़ाई का काम कर रही हूं। हेण्ड मेड बेड कवर, रजाइयां, टेबल कवर, पद्दे, तकिए, सलवार शूट, चद्दर जिनमें एप्लीक वर्क, काथा वर्क, हैण्ड एम्ब्रायडरी, तस्सल वर्क हाथ से करते है। कोरोना काल में घर तक ग्राहक कम पहुंचने लगे तो सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर पेज बनाए तथा अपने उत्पादों के फोटो शेयर करना शुरू किया। जिससे देश भर से ऑर्डर आने शुरू हुए। व्हाट्सएप, टेलीग्राम पर ग्रुप बना रखा है। जहां उत्पाद शेयर करती रहती हूं।
– प्रेमवती, आशापूर्णा सिटी, पाली रोड