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World Blood Donor Day : ‘एक साथ करने के बजाय समय-समय पर करें रक्तदान’, एक बार रक्तदान कर बचाएं तीन जिंदगियां

locationजोधपुरPublished: Jun 14, 2018 01:37:25 pm

– रक्तदान के बारे में फैली भ्रांतियों को तोड़कर पेश करें मिसाल

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World Blood Donor Day : ‘एक साथ करने के बजाय समय-समय पर करें रक्तदान’, एक बार रक्तदान कर बचाएं तीन जिंदगियां

बासनी/जोधपुर. रक्त की कमी से किसी की भी जान न जाए, इसके लिए रक्तदान किया जाना चाहिए। इसी उद्देश्य से प्रतिवर्ष 14 जून को विश्व रक्तदाता दिवस मनाया जाता है। रक्तदान के बारे में आमजन के मन में कई भ्रांतिया हैं। कई लोग रक्तदान को गलत समझते हैं, कई कमजोरी का हवाला देकर रक्तदान करना ही नहीं चाहते हैं, जबकि रक्त की महत्ती आवश्यकता है। एम्स के ब्लड बैंक के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ. सप्तर्षि मंडल ने बताया कि देश में प्रतिवर्ष 130 लाख यूनिट रक्त की जरूरत रहती है। शहर में कई संस्थाओं की ओर से रक्तदान शिविर लगाए जा रहे हैं। कई संस्थाओं में बड़े स्तर पर रक्तदान किया जा रहा है। एक साथ अधिक मात्रा में रक्त यूनिट का संग्रह नहीं करने के बजाय नियमित अंतराल पर छोटे-छोटे रक्तदान शिविर होने चाहिए। इससे समय-समय पर ताजा रक्त उपलब्ध हो सकेगा।
एक रक्त से बच सकती है तीन जानें
डॉ. सप्तर्षि के अनुसार जो व्यक्ति रक्तदान करता है वो एक नहीं तीन-तीन पुण्य का भागीदार बनता है। एक ही रक्त से तीन-तीन जानें बचाई जा सकती हैं। रक्त में तीन विविधताएं होती हैं। इसमें पीआरबीसी, प्लाज्मा व प्लेटलेट शामिल हैं। सबसे महत्वपूर्ण है रक्त में लाल रंग वाला हिस्सा। लाल रंग वाला हिस्सा रक्तदान करने के बाद सिर्फ 42 दिन तक ही वैध रह सकता है। रक्तदान सभी को करना चाहिए। क्योंकि इसको करने से कोई कमजोर नहीं हो जाता है।
हर वर्ष चाहिए 40 हजार यूनिट रक्त

बाबा रामदेव समाज सेवा संस्थान के जिलाध्यक्ष करणसिंह राठौड़ के अनुसार जोधपुर के तीनों सरकारी अस्पतालों में हर वर्ष करीब 40 हजार से ज्यादा रक्त यूनिट की आवश्यकता रहती है। करीब 315 संस्थाएं रक्तदान प्रतिवर्ष करती हैं। इसमें करीब 125 संस्थाएं नियमित हैं। 70 प्रतिशत रक्त रक्तदान शिविरों के माध्यम से अस्पतालों में आता है। उम्मेद अस्पताल में थैलेसिमिया रोग से पीडि़त बच्चे हैं। उनको भी बड़ी मात्रा में खून की आवश्यकता होती है। हीमोग्लोबिन कम होने पर सप्ताह में भी रक्त की आवश्यकता होती है। प्रसूताओं को डिलेवरी के समय रक्त की आवश्यकता होती है तथा सीजेरियन में एक मरीज को 5 से 7 यूनिट रक्त की जरूरत होती है। महात्मा गांधी अस्पताल में कैंसर रोग से पीडि़त लोगों को डायलिसिस के समय हर माह दो से तीन यूनिट की आवश्यकता होती है। मथुरादास माथुर अस्पताल में 25 विभाग हैं जिसमें मुख्य रूप से ट्रोमा सेंटर में गंभीर दुर्घटनाओं के मरीजों को 5 से 10 यूनिट रक्त की जरूरत पड़ती है। न्यूरो हार्ट यूरोलोजी व ऑपरेशन में मरीज को रक्त की जरूरत पड़ती है।

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