
- एम्स के आधे चिकित्सा संसाधन रहेंगे सेना के लिए रिजर्व
बासनी (जोधपुर). राजस्थान के सीमावर्ती क्षेत्र में युद्ध या प्राकृतिक आपदा जैसे हालातों में तैनात सेना के जवानों को उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधाएं प्राथमिकता के आधार पर मिलेगी। ऐसे हालातों में इसके लिए एम्स के चिकित्सा संसाधनों का आधा हिस्सा घायल सैनिकों के लिए रिजर्व रखा जाएगा।
एम्स निदेशक डॉ. संजीव मिश्रा ने बताया कि इसके लिए अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (एम्स) और आर्मी के बीच चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए मंगलवार को एमओयू हुआ है। इस मौके पर सेना के दक्षिण कमान के मुख्यालय जोधपुर के अधिकारियों और एम्स प्रशासन के बीच वार्ता हुई। उसमें युद्ध या प्राकृतिक आपदा में तैनात जवानों के घायल होने पर उन्हें एम्स के चिकित्सा संसाधनों में 50 प्रतिशत बैड्स, सुपर स्पेशलिटीज, सर्जन, चिकित्सक, एंबुलैंस सहित मैन पॉवर की सेवाएं दी जाएगी।
इसमें आईसीयू, ईसीजी, एक्सरे, एमआरआई, सिटी स्कैन, रक्तकोष भी शामिल हैं। एमओयू की हर साल समीक्षा भी की जाएगी। एमओयू के दौरान दक्षिणी कमान मुख्यालय के सैनिक अस्पताल जोधपुर के कमांडेंट बिग्रेडियर डीसी जोशी, एम्स के उपनिदेशक एनआर विश्नोई सहित कई कई अधिकारी मौजूद थे।
एम्स के अधिकारियों ने सेना को हर संभव अपनी ओर से आगे रहकर चिकित्सा सुविधाएं मुहैया करान का भरोसा दिलाया। उसमें युद्ध या प्राकृतिक आपदा में तैनात जवानों के घायल होने पर उन्हें एम्स के चिकित्सा संसाधनों में 50 प्रतिशत बैड्स, सुपर स्पेशलिटीज, सर्जन, चिकित्सक, एंबुलैंस सहित मैन पॉवर की सेवाएं दी जाएगी।
यहां से जल्द मिलेगी घायल जवानों को चिकित्सा
एम्स की सुपर स्पेशियलिटी सेवाएं और अत्याधुनिक रोग जांच की मशीनें ऐसे हालात में सेना के घायल जवानों के लिए उपयोगी रहेगी। इसे देखते हुए विकट परिस्थतियों में तैनात जवानों के घायल होने पर उन्हें उच्च स्तरीय चिकित्सा सुविधा समय उपलब्ध होना काफी आसान होगा।
Published on:
27 Mar 2018 09:38 pm
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