18 दिसंबर 2025,

गुरुवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

स्कूलों में है शिक्षकों की कमी, नहीं है अंग्रेजी और गणित जैसे सब्जेक्ट टीचर

कांकेर जिले में अंगे्रजी और गणित विषय के शिक्षक (Shortage of teacher) नहीं हैं, न ही इस पद पर शिक्षा विभाग (Education Department) की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

3 min read
Google source verification
school

स्कूलों में है शिक्षकों की कमी, नहीं है अंग्रेजी और गणित जैसे सब्जेक्ट टीचर

देवेंद्र साहू@कांकेर. नया शिक्षा सत्र प्रारंभ हो गया है। मगर अब भी स्कूलों (Government School) में शिक्षकों के विषयवार पद खाली पड़े हैं। हर साल की तरह इस बार भी आधी-अधूरी तैयारी के बीच पठन-पाठन प्रारंभ होने जा रहा है। पत्रिका टीम ने पड़ताल किया तो कांकेर जिले में अंगे्रजी और गणित विषय के (Subject teacher) शिक्षक नहीं हैं, न ही इस पद पर शिक्षा विभाग (Education Department) की ओर से वैकल्पिक व्यवस्था की जा रही है।

शिक्षा के स्तर में सुधार के लिए गांव-गांव में प्रशासन की ओर से स्कूल तो खोल दिया गया है। मगर स्कूलों में शिक्षकों की भर्ती नहीं हो रही है। विषयवार शिक्षक नहीं होने के कारण समय पर कोर्स पूरा नहीं हो रहे हैं। शिक्षा विभाग की लचर व्यवस्था के चलते शिक्षकों की कमी के बीच सत्र पूरा करने का इस साल भी दंभभरा जा रहा है।

गांव-गांव प्राथमिक शाला तो खोले गए है लेकिन कक्षा एक से पांचवीं तक की पढ़ाई पूरी करने लिए भी शिक्षक नहीं हैं। जिले के अधिकांश स्कूलों का यही हाल है। शिक्षकों की भर्ती नहीं होने से पांचवीं तक के बच्चों की पढ़ाई चौपट हो रही है। प्रतिवर्ष ग्रामीण शिक्षकों की मांग करते हुए जिला मुख्यालय पहुंचकर प्रशासन से गुहार लगा रहे हैं। जिले में शिक्षकों की भर्ती वर्षों से नहीं होने से स्कूलों में पढ़ाई प्रभावित हो रही है, यही कारण है कि पालक अपने बच्चों को निजी स्कूलों में पढ़ाने मजबूर हो रहे हैं।

जिले के सरकारी स्कूलों मेंं दर्ज संख्या के आंकड़ों पर नजर डालें तो 29,815 बच्चे सरकारी स्कूलों में पढ़ाई कर रहे हैं और जिले के स्कूलों में करीब 1255 शिक्षकों की आवश्यकता है, जिसकी भर्ती नहीं हो रही है। सबसे ज्यादा परेशानी विषयवार शिक्षकों की है जिसमें अंग्रेजी, गणित, विज्ञान के शिक्षकों की भर्ती नहीं होने से पढ़ाई प्रभावित हो रही है। वहीं जिला शिक्षा अधिकारी ने स्वीकार किया कि जिले में शिक्षकों की कमी है। वैसे जिले में व्याख्याता शिक्षकों के 407 पद रिक्त हैं। जिसमें हिन्दी के 10, अंग्रेजी के 40, गणित के 68, विज्ञान के 62, संस्कृत के 34, भौतिक के 65, रसायन के 27, इतिहास के 3, राजनीति के 4, अर्थशास्त्र के 5, भूगोल के 6, कला के 7, वाणिज्य के 52, कृषि के 11, गृहविज्ञान के 5 और अन्य 8 पद खाली पड़े हुए हैं।

सबसे पहले स्कूलों मेें अटैच शिक्षकों को वापस किया जाए और कार्यालय में जो बाबू का कार्य कर रहे है उसे स्कूलों में वापस शिक्षक के रूप में पदस्थ किया जाए जिससे कि 60 प्रतिशत समस्या खतम हो जाएगी। दूसरी यह कि दिग्विजय सिंह ने जो पंचायती राज शुरू किया था उसे फिर से शुरू करें जिससे ग्राम के बेरोजगार जो कि 1200-1500 में मजदूरी कर रहे हैं या फिर निजी स्कूलों में पड़ा रहें हैं उसे सरकारी स्कूलों में शिक्षक के रूप में अवसर दिया जाए, तभी शिक्षा में सुधार हो पाएगा।

अधिवक्ता संघ के अध्यक्ष ने कहा कि जिले के स्कूलों में शिक्षक नहीं होने से छात्रों के पढ़ाई पर प्रभाव पड़ रहा है, शासन को चाहिए कि जल्द ही शिक्षकों की भर्ती होनी चाहिए और यदि शिक्षक पर्याप्त नहीं हो रहे हैं तो अतिथि शिक्षक की व्यवस्था करनी चाहिए, जो शिक्षक रिटायर्ट हो चुकें हैं उनके पास अनुभव है उनको भी अपने स्तर पर स्कूलों में जाकर पड़ाया जाए तो कुछ हद तक समस्या पर नियंत्रण किया जा सकता है। वैसे शिक्षा का स्तर प्रदेश में नीचे से उपर तक खराब हो गया है।

कांकेर. जिले में कार्यरत व्याख्याता तथा माध्यमिक एवं प्राथमिक वर्ग के प्रधान पाठक, उच्च श्रेणी शिक्षक, व्याख्याता एलबी, सहायक शिक्षक, एलबीटी संवर्ग तथा ई-संवर्ग की वरिष्ठता सूची का प्रकाशन किया गया। साथ ही उक्त वरिष्ठता सूची को एनआईसी कांकेर के वेबसाइट में भी अपलोड किया गया है। जिसका अवलोकन किया जा सकता है। जिला शिक्षा अधिकारी अर्जुन लाल मेश्राम ने कहा कि उक्त वरिष्ठता सूची के संबंध में दावा आपत्ति प्रस्तुत करना हो तो 27 जून तक उचित माध्यम से प्रस्तुत किया जा सकता है। उसके बाद प्राप्त दावा आपत्ति मान्य नहीं किया जाएगा।

Education से जुडी ख़बरें पढ़े यहां

Chhattisgarh से जुड़ी Hindi News के अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें Facebook पर Like करें, Follow करें Twitter और Instagram पर ..

LIVE अपडेट के लिए Download करें patrika Hindi News