
मासूम बेटे की लाश देख मां ने रोत-रोते गुनगुनाया लगी गाना, बाप ने दिया कंधा
कन्नौज. जिले में बारिश का लुत्फ़ उठा रहे एक किशोर की जान चली गई। वह साइकिल से बारिश का मजा लेने घर से निकला था। जिस पर आकाशीय बिजली गिर गई, बिजली गिरने से वह गंभीर रूप से झुलस गया। उसे छिबरामऊ स्थित सौ शैय्या अस्पताल में भर्ती कराया गया। यहां डाक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। शव घर पर आते ही कोहराम मच गया। मां ने अपने मासूम बच्चे की लाश दिखा तो रोते-रोते उसे जगाने के लिए गाना गुनगुनाने लगी।
ग्राम प्रधान ने उपजिलाधिकारी छिबरामऊ गौरव शुक्ला को हादसे की जानकारी दी। तहसीलदार और नायब तहसीलदार ने मौके पर पहुंचकर जांच पड़ताल की। जिस पर कन्नौज जिलाधिकारी ने आर्थिक रूप से मदद कराये जाने का आश्वासन दिया।
मौज मस्ती में गई जान
मौसम विभाग के अलर्ट को गंभीरता से नहीं लेने वाले एक परिवार को इसका खामियाजा अपने बच्चे की जान गंवाकर भुगतना पड़ा। जब जोरदार बारिश में थाना तालग्राम के खानपुर कसावा ग्राम निवासी उमाशंकर सक्सेना का चौदह वर्षीय पुत्र अमन अपनी साइकिल निकालकर बरसात के पानी का लुत्फ उठाने के लिए घर से निकल पड़ा। उसे क्या पता था कि आज उसकी साइकिल पर यह आखिरी सवारी होगी। बरसात में मौज मस्ती करते हुए साइकिल सवार किशोर अचानक धड़ाम से जमीन पर गिर गया। यह नजारा देख आसपास खेतों में मौजूद ग्रामीणों में अफरा तफरी मच गयी।
परिजन देते ध्यान, तो बच सकती थी जान
ग्रामीणों के सहयोग से परिजन किशोर को लेकर सौ शैया अस्पताल छिबरामउ पहुंचे। जहां मौजूद चिकित्सकों की टीम ने बालक को मृत घोषित कर दिया। इससे परिजनों में कोहराम मच गया। घटना की सूचना पर उप जिलाधिकारी छिबरामउ व तहसीलदार राजस्व टीम के साथ मौके पर पहुंचे और पीड़ित परिजनों को ढांढस बंधाते हुए हर संभव मदद का भरोसा दिया। मृत बच्चे के परिजनों को शासनादेश के अनुसार मुआवजा राशि दिए जाने की घोषणा जिला प्रशासन द्वारा की गई है। इधर घटना को लेकर मृत किशोर के परिजनों का रो-रोकर बुरा हाल हो रहा है। क्योंकि देश व प्रदेश के अनेक क्षेत्रों में इस साल आफत की बारिश कई लोगों की जान ले चुकी है और कई हताहत हुए हैं। इसके बाद भी मृत छात्र के परिजनों ने उसे भारी बरसात में घर से बाहर जाकर साइकिल चलाने की अनुमति दे दी। जिस कारण उसकी जान चली गई।
प्रशासन ने पहले ही जारी किया था एलर्ट
ज्ञातव्य हो कि शासन के निर्देशानुसार जिलाधिकारी रवीन्द्र कुमार द्वारा मौसम विभाग से जारी होने वाले अलर्ट की सूचना पल-पल जनपद के आम नागरिकों को दी जाती रही। इसके बाद भी मृतक छात्र के परिजनों ने इसे गंभीरता से नहीं लिया। जिस कारण उन्हें अपने मासूम बच्चे की जान से हाथ धोना पड़ गया। यदि मृत किशोर के परिजन शासन द्वारा जारी अलर्ट को गंभीरता से लेते तो शायद इस प्रकार के दर्दनाक हादसे का शिकार नहीं होते और एक हंसते खेलते परिवार की खुशियां चकनाचूर न हो जातीं। वहीं मामले की जानकारी होने पर कन्नौज जिलाधिकारी ने आपदा राहत कोष से आर्थिक सहायता दिलाने का आश्वासन दिया। अमन पांच भाई-बहनों में सबसे बड़ा था। पिता खेती बाड़ी का काम करते हैं।
गरीबी में जी रहा है उमाशंकर
ग्रामीणों की माने तो उमाशंकर के पास केवल दो बीघा जमीन है। अमन उसका सबसे बड़ा बेटा था जो प्राथमिक विद्यालय में कक्षा पांच का छात्र था। कच्चे मकान में परिवार के साथ उमाशंकर रहते हैं। इसका काफी हिस्सा गिर गया है। ऐसे में इस मकान के गिरने से भी इनकार नहीं किया जा सकता है। किसी दिन भी बड़ा हादसा हो सकता है। लोगों ने योजना के अंतर्गत मकान दिलवाए जाने की मांग की।
Updated on:
12 Jul 2018 12:30 pm
Published on:
12 Jul 2018 11:48 am
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