कन्नौज. पत्नी के किसी विभाग में संबिदा पर नौकरी दिए जाने के आश्वासन और वीएसए द्वारा दो लाख की चेक दिए जाने के बाद परिजनों ने शिक्षामित्र का शव उठाने दिया। उसके बाद उसका अंतिम संस्कार फर्रुखाबाद के श्रंगीराम रामपुर में किया गया। बताते चले कि तीन दिन पहले शिक्षामित्र ने शिक्षा विभाग के अधिकारीयों पर उत्पीड़न का आरोप लगा आत्महत्या कर ली थी।
शव रखकर अड़े थे मांग पर
कन्नौज जनपद के कोतवाली छिबरामऊ क्षेत्र के सिकंदर पुर में शिक्षामित्र पवन ने 20 अक्टूबर को सुबह चार बजे फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली थी। जिसके बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया था। मृतक शिक्षामित्र पवन ने अपने लिखे सुसाइड नोट में शिक्षा विभाग के अफसर बीईओ, बीआरसी और एनपीआरसी पर गंभीर आरोप लगाए थे। जिसके बाद से परिजनों ने इन अफसरों पर कार्रवाई और नौकरी की मांग को लेकर शव का अंतिम संस्कार नहीं किया था और घर में ही शव रखकर मांग पर अड़े हुए थे। तहसील स्तर के अधिकारी बराबर परिजनों को समझाने का प्रयास कर रहे थे। मगर उनका प्रयास निरर्थक रहा। जिसके बाद जिलाधिकारी रबीन्द्र कुमार और एसपी अमरेंद्र प्रसाद के साथ बीएसए दीपिका चतुर्वेदी साथ पूरा अमला मृतक पवन घर पहुंचा।
इन मददों का मिला भरोसा
डीएम ने मृतक पवन की पत्नी को किसी भी विभाग में संविदा पर नौकरी देने का आश्वासन दिया। तो वहीं बीएसए दीपिका चतुर्वेदी ने तत्कालिक मदद करते हुए परिजनों को दो लाख रुपये की चेक प्रदान की। वहीं शिक्षक संघ की तरफ से एक हजार रुपये प्रति शिक्षक की तरफ से मदद का भरोसा भी दिया गया तो साथी शिक्षामित्र की तरफ से एक दिन का वेतन मृतक के परिजनों को मदद के रूप में एेलान किया गया। एसडीएम छिबरामऊ ने मृतक की पत्नी के नाम पर पट्टे की पांच बीघा जमीन देने का भरोशा भी दिया। जिसके बाद परिजनों ने शव को अंतिम संस्कार के लिए उठने दिया। मृतक शिक्षामित्र का अंतिम संस्कार फर्रुखाबाद के श्रंगीराम रामपुर घाट पर पुलिस अभिरक्षा में किया गया।
अफसरों पर लगे गंभीर आरोप
बताते चले कि जनपद कन्नौज के छिबरामऊ तहसील क्षेत्र में प्राथमिक विद्यालय कसियापुर छिबरामऊ के शिक्षा मित्र पवन कुमार ने फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली । जिसके पास से एक सुसाइड नोट मिला है जिसमें शिक्षा विभाग के अधिकारियों पर टार्चर करने का आरोप लगाया गया है। मरने से पहले मृतक शिक्षामित्र पवन ने अपने सुसाइड नोट में लिखा कि मेरा घर में किसी से कोई झगड़ा नहीं हुआ है, और न ही वह मेरी मौत के जिम्मेदार हैं। हम अपनी नौकरी से तंग आ गए थे। मेरी मौत का कारण मेरा शिक्षा विभाग है। जो कि प्रभात कुमार एनपीआरसी और श्री शैलेश मिश्रा बीआरसी और खंड शिक्षाधिकारी सुनील कुमार दुबे द्वारा गलत तरीके से बीएलओ में ड्यूटी जबरदस्ती कराने से और आये दिन टार्चर किये जाने पर हमने सुसाइड किया है। जब कि इसकी जानकारी जिलाधिकारी और बीएसए को दी थी। कोई कार्रवाई नहीं हुई।