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बोर्ड परीक्षा के दौरान शिक्षिका की करतूत कैमरे में हुई कैद, नकल करवाने की सच्चाई सामने आने पर उड़े होश

इनमें डिवीजन के हिसाब से रुपये वसूले जाने तक काम होता था।

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कन्नौज. प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार उत्तर प्रदेश माध्यमिक शिक्षा परिषद की परीक्षाओं में नकल माफिया पर हावी है। सरकार का नकल माफिया पर सख्ती का ही असर है कि पांच लाख परीक्षार्थियों ने परीक्षा छोड़ दी है। बोर्ड परीक्षा में नकल रोकने के लिए की गई सख्ती लोगों को रास नहीं आ रही है। नकल का सहारा लेने वाले छात्र-छात्राएं जहां परेशान हैं, वहीं रुपये कमाने वाले माफिया उनसे अधिक परेशान हैं। सीसीटीवी की फुटेज बदलने तक को जुगत भिड़ाई जा रही है। अफसरों का केंद्रों पर भ्रमण भी माफियाओं के मंसूबों को सफल नहीं होने दे रहा है। नगर से जुड़े आसपास के कई विद्यालयों में केंद्र केवल रुपये कमाने के लिए ही बनवाए जाते थे। इनमें डिवीजन के हिसाब से रुपये वसूले जाने तक काम होता था। इस बार केंद्रों को भी बोर्ड से बदला गया और यदि जुगाड़ से बन भी गए तो वहां सीसीटीवी कैमरे आड़े आ गए, लेकिन कुछ स्कूलों में कैमरे की निगरानी होने के बावजूद भी टीचर बेखौफ होकर अपनी मनमानी करते दिखे।

यह यूपी बोर्ड परीक्षा जहाँ योगी राज में नक़ल विहीन परीक्षा पर टीचर ही पलीता लगाने पर तुले हैं। ऐसा ही एक नजारा हीरालाल इंटर कॉलेज छिबरामऊ विद्यालय में परीक्षा के दौरान देखने को मिला जहां एक टीचर की मनमानी कैमरे में कैद हो गई। इस टीचर पर सीसीटीवी के कैमरे का ज़रा भी खौफ नहीं दिखा। जबकि योगी सरकार ने इस बार यूपी में नक़ल विहीन परीक्षा कराये जाने हेतु परीक्षा केंद्रों में सीसीटीवी कैमरे लगाए जाने के निर्देश दिए ताकि यूपी बोर्ड के अंतर्गत इस बार परीक्षा नक़ल विहीन हो सके, लेकिन कैमरे में कैद हुई तस्वीर को देखकर यही अंदाजा लगाया जा सकता है कि सरकार लाख कोशिशें कर ले, लेकिन नक़ल पर नकेल कस पाना बहुत ही मुश्किल काम है।

कैमरे लगे होने के बावजूद भी यह टीचर पूरे आराम के साथ डेस्क पर बैठकर छात्र-छात्राओं की मदद करता दिख रहा है। इसके बैठने के तरीके से ही यह साफ़ पता चलता है कि इस टीचर को न तो कैमरे का खौफ है और न ही कार्यवाही का डर, लेकिन जब मीडिया का कैमरा सामने आया तो इसके होश उड़ गए।

इस बारे में जब जिला विध्यालय निरीक्षक विमलेश विजयश्री से बात की तो उन्होंने इसकी जानकारी देने से इंकार करते हुए प्रधानाचार्य से बात कर जांच कराये जाने की बात कही। हालांकि टीचर को भले ही सीसीटीवी का खौफ न हो, लेकिन छात्राएं जरूर इस बार परीक्षा के दौरान सीसीटीवी कैमरे लगने से डर रहे हैं।