
File Photo of RBI Worker during transportation of Money from currency chest to ATM and Banks
उत्तर प्रदेश के कानपुर जिले में 42 लाख रु सड़ जाने की खबर सुनकर हर कोई हैरान है। ये घटना कानपुर के पांडुनगर शाखा की है। रिज़र्व बैंक ऑफ इंडिया के ऑडिट में इसका खुलासा हुआ। रिज़र्व बैंक ने जब ऑडिट करवाया तो उसमें चेस्ट करेंसी के दौरान 42 लाख रुपए कम पाए गए। इसका जवाब मांगा गया तो अधिकारियों ने बताया कि, बैंक में सिवेज का पानी लगातार रिस कर अंदर आ रहा था, जिसकी वजह से नोट सड़ गए।
PNB में सीवेज से पानी का रिसाव या साजिश ?
पंजाब नेशनल बैंक की ओर से इस तरह की लापरवाही के मामले में बैंक के 4 अधिकारियों को निलंबित कर दिया गया है। निलंबित किए जाने वाले अफसरों में देवी शंकर, आशा राम, राकेश कुमार और भास्कर कुमार शामिल हैं, जबकि इसकी उच्च स्तरीय जांच के भी आदेश दे दिए गए हैं। हालांकि ये नोट सड़े हैं या ये कोई साजिश है इसका खुलासा तो जांच के बाद ही होगा। फिलहाल पूरे प्रदेश भर में 42 लाख रु के नोट सड़ने की चर्चा जोरों से हो रही है।
What is Currency Chest इसका ATM में कैसे होता है इस्तेमाल
भारतीय रिज़र्व बैंक की ओर से ये एक डिपॉजिटरी होता है, जहां बैंकों, एटीएम के लिए अतिरिक्त रुपए जमा होते हैं। ये करेंसी चेस्ट भारतीय बैंकों की चुनिंदा शाखाओं ही होता है, जहां से पूरे कनेक्टेड क्षेत्र के लिए पैसा रखा जाता है। करेंसी चेस्ट में जमा पैसा रिज़र्व बैंक का होता है, जबकि स्ट्रांग रूम में रखा गया पैसा संबन्धित बैंक का होता है। नए करेंसी नोटों को बैंकों और एटीएम तक पहुंचाने के लिए, पुराने नोटों को रीसायकल करने और बैंकों के नकदी भंडार के लिए करेंसी चेस्ट ज़रूरी होता है।
How Many Currency Chest in India
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा वर्ष 2019 से 2020 की सालाना रिपोर्ट के अनुसार भारत में 3 हज़ार 367 करेंसी चेस्ट काम कर रहे हैं। जिसमें से 2 हज़ार 782 छोटे सिक्कों के स्माल क्वाइन डिपो बनाए गए हैं, जहां सिर्फ सिक्कों का भंडारण होता है।
Published on:
16 Sept 2022 02:02 pm
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