scriptRaksha Bandhan Special 2021: गजकेसरी के विशेष योग में होगा रक्षाबंधन का पर्व, 474 वर्ष बाद सुखद राजयोग, इस मंत्र का करें उच्चारण | After 474 years, Rakshabandhan will be in special yoga of Gajakesari | Patrika News

Raksha Bandhan Special 2021: गजकेसरी के विशेष योग में होगा रक्षाबंधन का पर्व, 474 वर्ष बाद सुखद राजयोग, इस मंत्र का करें उच्चारण

locationकानपुरPublished: Aug 19, 2021 12:58:28 pm

Submitted by:

Arvind Kumar Verma

-इस रक्षाबंधन पर 474 वर्ष बाद बनेगा विशेष गजकेसरी योग-पर्व पर भद्रा का नहीं होगा प्रभाव, समूचा दिन रहेगा शुभ

Raksha Bandhan Special 2021

Raksha Bandhan Special 2021

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
कानपुर. भाई-बहन के रक्षासूत्र का पर्व रक्षाबंधन (Rakshabandhan Festival) पूरे देश में अनोखा त्योहार है। इस बार रक्षाबंधन 22 अगस्त को मनाया जाएगा, जो लोगों के लिए विशेष महत्वपूर्ण रहेगा। दरअसल 474 साल बाद गजकेसरी योग (Gajakesari) बन रहा है। जब गुरु और चंद्रमा एक दूसरे की तरफ दृष्टि करके बैठते हैं, तभी यह खास योग बनता है। यह रक्षाबंधन पर्व इस बार भद्रा से मुक्त रहेगा। यह जानकारी देते हुए ज्योतिषाचार्य मनोज कुमार द्विवेदी ने बताया रक्षाबंधन का पर्व राजयोग में आ रहा है। सभी के लिए यह त्योहार बहुद सुखद होगा और बहनें पूरे दिन में किसी भी समय भाई की कलाई में राखी बांध सकती हैं।
ऐसे बनता है गजकेसरी का विशेष योग

उन्होंने बताया कि इस बार गुरु और चंद्रमा की युति से गजकेसरी योग बन रहा है। इस योग में सभी मनोकामनाएं पूरी होती है। राखी बांधने के बाद बहनें जो मांगती हैं वह जरूर पूरी होती हैं। ज्योतिषाचार्य पंडित गौरव तिवारी ने बताया कि जब किसी की कुंडली में चंद्रमा और गुरु एक दूसरे की तरफ दृष्टि कर बैठे हों तब गजकेसरी योग बनता है। ऐसे जातक भाग्यशाली होते हैं। पंडित गौरव तिवारी के अनुसार 22 अगस्त को सुबह 6:15 से लेकर 10:34 तक शोभन योग भी लाभकारी रहेगा।
पूजन करते समय इस मंत्र का करें उच्चारण

इस दिन पूजा में भाई को पूर्व मुख करके बैठाएं तथा खुद पश्चिम की ओर मुख करके, जल शुद्धि करके भाई को रोली और अक्षत का तिलक लगाकर इस “येन बद्धो बली राजा दानवेन्द्रो महाबल:,
तेन त्वां प्रतिबध्नामि रक्षे मा चल मा चल:” मंत्र का उच्चारण करते हुए राखी बांधें। वैसे तो रक्षाबंधन पर भद्राकाल का विचार अवश्य करना चाहिए, लेकिन इस बार रक्षाबंधन पर भद्रा नहीं रहेगी। भद्राकाल राखी के अगले दिन यानी 23 अगस्त को सुबह 5 बजकर 34 मिनट से 6 बजकर 12 मिनट तक रहेगी। ऐसे में इस बार राखी बांधने के लिए आपको 22 अगस्त की सुबह 5 बजकर 50 मिनट से शाम 6 बजकर 03 मिनट का पूरे दिन का समय मिलेगा, जो अत्यंत शुभकारी होगा।

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