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इस सीट पर सपा ने खेला बड़ा दांव, भाजपा-बसपा में मची खलबली

कानपुर देहात की झींझक नगर पालिका मे मतदाताओं के जोड़ तोड़ की नीति प्रत्याशियों के अतिरिक्त समर्थकों के सिर चढ़कर बोल रही है।

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कानपुर देहात. जैसे-जैसे मतदान की तिथि नजदीक आती जा रही है। प्रत्याशियों का जनसम्पर्क अभियान जोर पकड़ता जा रहा है। वहीं शुरूआत से चर्चा में रही कानपुर देहात की झींझक नगर पालिका मे मतदाताओं के जोड़ तोड़ की नीति प्रत्याशियों के अतिरिक्त समर्थकों के सिर चढ़कर बोल रही है। राजनीतिक दलों द्वारा टिकट पाये प्रत्याशियों में जातिगत वोटों के आंकडड़े सुलझाने के समीकरण तैयार किये जा रहे हैं। जहां भाजपा प्रत्याशी सरोजनी कोरी, बसपा से सरोजनी संखवार भारी जनसैलाब के साथ वोट की अपील करते दिख रहे है। वहीं कांग्रेस प्रत्याशी चुनावी मैदान मे नजर नही आ रहे है। इस बीच समाजवादी पार्टी से टिकट पाकर चुनावी मैदान मे जोरदारी से डटी रमा देवी महिलाओं के हुजूम के साथ घर-घर जाकर बुजुर्गों का आशिर्वाद बटोरने में जुटी है।

रमा देवी के समर्थकों के अतिरिक्त पुत्र सरस चौधरी व निहाल द्वारा अलग-अलग टीम बनाकर नगर के मतदाताओं से वोट मांगने की अपील मतदाताओं को लुभा रही है। पूरे परिवार द्वारा कड़ी मेहनत कर जीत दर्ज करने का हुनर दिखने की चर्चा मतदाताओं में जोर पकडड़े हुये है, जिससे अब सत्तासीन पार्टी से खिन्न मतदाता भी सपा की तरफ रुख करते दिख रहे है। सपा प्रत्याशी रमा देवी के समर्थकों ने अब पालिका कुर्सी हथियाने के लिये निचले स्तर जनसम्पर्क तेज कर दिया है। पुत्र सरस के साथ समर्थकों के हुजूम ने झींझक मुख्य मार्ग किनारे के वाशिंदे लौहपिटवा समुदाय के लोगों से जब वोट मांगे तो मतदाता बोले गरीबों का कोई सहयोग नही करता है। जिस पर समर्थकों ने एक नजीर पेश करते हुये कहा कि निवर्तमान सपा सरकार में आप लोगों के राशन कार्ड व मतदाता पहचान पत्र बनवाये गये थे।

सपा ही गरीबों की हितकर है, जिस पर मतदाताओं के चेहरे खिलखिला उठे। सपा प्रत्याशी के इस ताबडतोड जनसम्पर्क अभियान को देख भाजपा, बसपा व अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों ने भी सम्पर्क अभियान तेज किया है। वहीं जीएसटी से व्यापार चौपट होने को लेकर नाराज व्यापारी मतदाताओं को सपा प्रत्याशी अपने पाले में खींचने का भरसक प्रयास कर रहे है। अखिलेश यादव द्वारा किये गये कार्यों का बखान कर समर्थक नहीं थक रहे हैं। अब देखना ये है कि कांग्रेस प्रत्याशी के गुमशुम चुनाव के बाद सपा, बसपा, भाजपा व अन्य निर्दलीय प्रत्याशियों मे से मतदाता किसे अपना नगर अध्यक्ष चुनेंगे।