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लिपिस्टिक लगाने से नहीं टूटता है रमजान में महिलाओं का रोजा

शर्त यह है कि लिपिस्टक मुंह के अंदर नहीं जानी चाहिए

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लिपिस्टिक लगाने से नहीं टूटता है रमजान में महिलाओं का रोजा

लिपिस्टिक लगाने से नहीं टूटता है रमजान में महिलाओं का रोजा

कानपुर। रमजान में लोगों को रोजे से जुड़ी तमाम तरह के भ्रम चिंता में डाल देते हैं। क्या करने से रोजा नहीं टूटता, यह सवाल हर रोजेदार की फिक्र बढ़ा देता है। ऐसे में मुस्लिम महिलाओं की चिंता लिपिस्टक को लेकर खड़ी हो गई कि क्या रोजेदार महिलाएं लिपिस्टक लगा सकती हैं या नहीं। क्योंकि होठों पर लगाई गई लिपिस्टिक जीभ में लग सकती है, ऐसे में रोजा टूटेगा या नहीं यह सवाल महिलाओं को परेशान कर रहा था। जिसका कुलहिंद इस्लामिक इल्मी अकादमी की अल शरिया हेल्पलाइन पर जवाब दिया गया।

क्या ठीक और क्या नहीं ?
हेल्पलाइन पर लिपिस्टिक को लेकर हेल्पलाइन पर पूछे गए सवाल को लेकर उलमा पैनल का जवाब है था कि रोजा रखकर लिपिस्टक लगाना जाएज (ठीक) है लेकिन इसके मुंह में जाने का खतरा हो तो मकरूह (ठीक नहीं) है। अगर लिपिस्टिक को मुंह में जाने से रोका जा सके तो लिपिस्टिक लगाने से रोजा नहीं टूटेगा। ऐसे में रोजा रखकर ख्वातीन (महिलाएं) होंठों पर लिपिस्टक लगा सकती हैं।

जेवर पर देनी होती जकात
जकात के संदर्भ में पूछे गए सवाल के जवाब में कहा गया कि घर में आराम की कुछ चीजों जैसे टीवी, फ्रिज, एसी, वाशिंग मशीन और बाइक आदि पर जकात नहीं है। लेकिन कैश के साथ अगर किसी के पास जेवर हैं, भले ही वह पहना जाए या नहीं, पर उस पर जकात देनी होती है। एक दूसरे सवाल के जवाब में कहा गया कि बीवी का दान शौहर चाहे तो अदा कर सकता है, पर उस पर अनिवार्य नहीं है। इसी तरह पूछा गया कि क्या मेहर (निकाह के वक्त तय होने वाली रकम) पर जकात है। उलमा ने जवाब दिया कि जब तक मेहर की रक़म औरत को न मिल जाए तब तक उसकी जक़ात औरत पर वाजिब नहीं होती है।

पड़ोसियों को दे सकते फितरा
शहर काजी मौलाना आलम रजा नूरी ने फितरा की रकम प्रति व्यक्ति 50 रुपए तय की है। उन्होंने कहा कि लॉकडाउन के कारण हालात ठीक नहीं है। लिहाजा इसे लोग पड़ोसियों और आसपास के लोगों को दे सकते हैं।