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मंत्री मोहसिन रजा लेकर आएंगे अस्थि कलश, बिठूर के ब्रम्हवर्त गंगा घाट में होंगी प्रवाहित

24 अगस्त को कानपुर पहुंचेंगी अटल जी की अस्थियां, रथ पर निकलेगी यात्रा

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मंत्री मोहसिन रजा लेकर आएंगे अस्थि कलश, बिठूर के ब्रम्हवर्त गंगा घाट में होंगी प्रवाहित

कानपुर। पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का अस्थि कलश देश के गृहमंत्री राजनाथ सिंह प्लेन के जरिए लखनऊ लेकर आएंगे। इसके बाद 24 अगस्त को पार्टी के राज्य मुख्यालय से प्रदेश के 16 अलग-अलग स्थानों पर स्थित प्रमुख नदियों में अस्थियों का विसर्जन होगा। योगी सरकार के मंत्री मोहसिन रजा अटल जी का अस्थि कलश को लेकर शुक्रवार की सुबह कानपुर पहुंचेंगे। मंत्री रजा के साथ पांच नेता मंत्री सुरेश खन्ना, मंत्री सतीश महाना मंत्री सत्यदेव पचौरी बिठूर स्थित ब्रम्हवर्त घाट में विधि-विधान से अस्थियों को प्रवाहित करेंगे। नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि अटल जी का अस्थि कमल पूरे शहर में घूमेंगे। रथ पर आगे पांचों नेता के साथ संगठन के पदाधिकारी बैठेंगे, वहीं पीछे चार व दो पहिया वाहनों का काफिला उनके पीछे-पीछे चलेगा।

यहां-यहां घूमेंगा अस्थि कलश
भारत रत्न व पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां लेकर ग्रहमंत्री राजनाथ 23 को लखनऊ आएंगे और यहीं से प्रदेश की सभी नदियों में उन्हें प्रवाहित किया जाएगा। योगी सरकार के मंत्री मोहसिन राजा अटल जी का अस्थि कलश लेकर कानपुर आएंगे। उनका स्वागत नगर अध्यक्ष के अलावा मंत्री, सांसद, विधायक व सगंठन के कार्यकर्ता करेंगे। नगर अध्यक्ष सुरेंद्र मैथानी ने बताया कि जाजमऊ से हरजिंदर नगर चौराहा से अस्थि कलश यात्रा शुरू होगी जो लाल बंगला, पंडित उपवन चौराहा, नरोना चौराहा, फूलबाग, बड़ा चौराहा, परेड, चुन्नीगंज, बकरमंडी, मोती झील(मधुराज नर्सिंग होम), हैलट गोल चौराहा, रावतपुर स्टेशन तिराहा के सामने से कंपनी बाग (अंबेडकर चौराहा) से विष्णुपुरी कॉलोनी होते हुए गंगा बैराज स्थित बाईपास से बिठूर के ब्रह्मावर्त गंगा तट पर विधि-विधान से वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ,गगा में विसर्जन किया जाएगा।

यात्रा को यादगार बनाने के लिए जुटी बीजेपी
अटल जी की कलश यात्रा को यादगार बनाने के लिए भारतीय जनता पार्टी के पदाधिकारी, मंत्री, विधायक, पार्षद व कार्यकर्ता तैयारी में जुट गए हैं। नगर अध्यक्ष ने बताया कि अटल जी की कलश यादा में अन्य दलों के नेता भी शामिल होंगे। साथ ही कई अन्य वरिष्ठ पदाधिकारियों के आने की संभवना है। मैथानी बताते हैं कि, 1999 में जब 13 दिन की सरकार गिर गई तो उसके तीन दिन बाद पंडित दीनदयाल इंटर कॉलेज में छात्रों को पुरूस्कार देने के लिए अटल जी कानपुर आए। उस वक्त हम जैसे सैकड़ों भाजपा के कार्यकर्ता उनसे मिलने के लिए लालयित थे। पुरूस्कार वितरण के बाद अटल जी ने सभी से कहा कि हमें पार्टी का विस्तार करना। हार नहीं माननी और रार भी नहीं करनी। फिर से चुनाव में जाएंगे और जनता से वोट मांग सरकार बनाएंगे।

सीएम योगी ने लिया था निर्णय
यूपी से अटल जी का गहरा रिश्ता रहा है और इसी राज्य को उनकी कर्मभूमि कहा जाता है। वह लखनऊ से सांसद बनने के बाद ही देश के पीएम बने। जब तक राजनीति में सक्रिय रहे लखनऊ से ही सांसद रहे। यूपी में बीजेपी को सत्ता के शिखर तक पहुंचाने में वाजपेयी जी का अहम योगदान है। इसी वजह से सीएम योगी आदित्यनाथ ने यह फैसला लिया था कि कि अटल बिहारी वाजपेयी की अस्थियां यूपी से निकलने वाली सभी प्रमुख नदियों में प्रवाहित की जाएंगी। प्रदेश की योगी सरकार ने यह फैसला पूरे प्रदेश में अटल जी की लोकप्रियता को देखकर लिया था। यूपी की राजधानी के अलावा कानपुर, बलरामपुर, आगरा और मथुरा से भी उनका रिश्ता रहा है। उन्होंने कानपुर से पढ़ाई की और बाकी जगहों में वह राजनीतिक रुप से सक्रिय रहे। कानपुर से उनका गहरा रिश्ता रहा। यही वजह रही कि उनकी मौत के बाद अटल जी के सम्मान में व्यापार मंडल ने सात दिनों तक दुकानों में तालेबंदी की घोषणा कर दी।

यूपी की इन नदियों में अस्थि विसर्जन
प्रदेश भाजपा यूपी बीजेपी मीडिया प्रभारी मनीष दीक्षित ने बताया कि अटल जी की अस्थियां गोमती के अलावा गढ़मुक्तेश्वर-सिम्भावली स्थित गंगा नदी, मुरादाबाद स्थित रामगंगा नदी, सहारनपुर-सरसावां स्थित यमुना नदी, सोरो कासगंज, बरेली स्थित रामगंगा नदी, चित्रकूट स्थित मंदाकनी नदी-रामघाट, ओरक्षा स्थित बेतवा नदी, कानपुर- बिठूर स्थित गंगा नदी, बलरामपुर स्थित राप्ती नदी, अयोध्या स्थित सरयू नदी- राम की पौढी, मिर्जापुर स्थित गंगा नदी, वाराणसी स्थित गंगा नदी, आजमगढ स्थित राजघाट तमसा नदी, बस्ती अमहट घाट कुआनों नदी एवं गोरखपुर स्थित राप्ती नदी के अलावा बट्ेश्वर (आगरा) में भी विर्सजन किया जाए


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