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कोरोना मरीजों में ब्रेन फॉग, भूलने लगे कपड़े और पासवर्ड, बुर्जुगों में बढ़ी परेशानी

locationकानपुरPublished: Dec 02, 2020 04:34:38 pm

Submitted by:

Karishma Lalwani

– कोविड मरीजों में ब्रेन फॉग की समस्या
– कमजोर होने लगती हैं ब्रेन की नसें
– यूपी में निजी लैब में कोविड की 700 रुपए में जांच, घर से सैंपल लेने पर देने होंगे 900 रुपए

कोरोना मरीजों में ब्रेन फॉग, भूलने लगे कपड़े और पासवर्ड, बुर्जुगों में बढ़ी परेशानी

कोरोना मरीजों में ब्रेन फॉग, भूलने लगे कपड़े और पासवर्ड, बुर्जुगों में बढ़ी परेशानी

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

कानपुर. कोरोना संक्रमित मरीजों में एक नई बीमारी देखने को मिल रही है। नाम है ‘ब्रेन फॉग’। यह एक ऐसी बीमारी है जिसमें व्यक्ति के सोचने, समझने की क्षमता प्रभावित होती है। इंसान अक्सर छोटी-छोटी बातें भूलने लगता है। इसका इलाज बड़ा जटिल है और यह संक्रमित हो चुके मरीजों में तेजी से पनप रहा है। सबसे ज्यादा बुजुर्ग इससे प्रभावित हो रहे हैं। कानपुर में ऐसा अपनी तरह का पहला केस मिला है जिसमें ऐसे ही चार मरीजों का इलाज हो रहा है।
कमजोर होने लगती हैं ब्रेन की नसें

मेडिकल कॉलेज के न्यूरोलॉजी हेड प्रो. आलोक वर्मा के मुताबिक कोरोना वायरस नसों में खून के थक्के बना देता है। उससे यह दिक्कत हो सकती है। लम्बे समय तक ऑक्सीजन सपोर्ट पर रहने वाले मरीजों की ब्रेन की नसें भी कमजोर होने लगती हैं। इससे न्यूरो की समस्या पैदा होती है। इसे ब्रेन फॉग के लक्षण कहते हैं। ब्रेन फॉग के लक्षण आने पर समय से इलाज हो तो महीने दो महीने में इलाज संभव है। डाक्टर कहते हैं कि ऐसी स्थिति में तुरंत न्यूरोफिजीशियन को दिखाना चाहिए।
मरीजों में दिखने वाले लक्षण
– याददाश्त कमजोर होना

– फोकस कम रहना, कंफ्यूज रहना

– सिर में हलके दर्द की शिकायत

यूपी में निजी लैब में कोविड की 700 रुपए में जांच
यूपी में कोविड-19 की जांच अब सस्ते दर पर होगी। योगी आदित्यनाथ सरकार ने कोविड के आरटी-पीसीआर परीक्षणों की दरें कम कर दी हैं। इसके तहत निजी लैब में परीक्षण की दर 1,600 रुपये घटाकर 700 रुपये कर दी गई है। यह देश में सबसे कम दर की कोरोना टेस्टिंग मानी जा रही है। इसके साथ घर से सैंपल लेने की स्थिति में ही लैब को आरटी-पीसीआर परीक्षण के लिए 900 रुपये चार्ज किए जाएंगे। इन दरों में जीएसटी भी शामिल है। स्वास्थ्य और परिवार कल्याण के अतिरिक्त मुख्य सचिव अमित मोहन प्रसाद द्वारा जारी किए गए एक आदेश के अनुसार, निर्धारित दर से अधिक चार्ज करने पर लैब को महामारी अधिनियम के तहत दंडात्मक कार्रवाई करने का सामना करना पड़ेगा।
स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों के अनुसार, यह कदम कोविड-19 की निगरानी करने के लिए सरकार के अभियान में मदद करेगा। इससे पहले 10 सितंबर को राज्य सरकार ने कोविड-19 परीक्षण दरों को 2,500 रुपये से घटाकर 1,600 रुपये कर दिया था। अब इसकी दरें और कम हो गई हैं। सरकार के इस कदम ने लखनऊ, गौतमबुद्ध नगर, गाजियाबाद, मेरठ, कानपुर जैसे जिलों के लोगों को खासी राहत पहुंचाई है, जहां कोरोना का प्रकोप ज्यादा है। इसका असर अन्य जिलों में भी देखने को मिल सकता है।
अन्य बीमारियों के लिए 600 रुपये

सरकार ने डायलिसिस ले रहे किडनी मरीजों और कैंसर मरीजों के लिए 300 रुपये निर्धारित किए हैं। इसी तरह अन्य बीमारियों के लिए 600 रुपये तय की है। यह निर्णय सभी चिकित्सा संस्थानों और कॉलेजों जैसे संजय गांधी पोस्ट ग्रेजुएट इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज, किंग जॉर्ज मेडिकल यूनिवर्सिटी, राम मनोहर लोहिया इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज और अन्य के लिए हैं।
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