23 दिसंबर 2025,

मंगलवार

Patrika LogoSwitch to English
home_icon

मेरी खबर

icon

प्लस

video_icon

शॉर्ट्स

epaper_icon

ई-पेपर

बृजेश पाल हत्याकांड: साक्षी बनकर हनीट्रैप में फंसाया, फिर देर रात बुलाकर कर दी हत्या

कानपुर देहात के बृजेश पाल हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। 17 जुलाई को किडनैप हुए बृजेश के अपहरण कांड का खुलासा पुलिस ने किया है। पुलिस ने बताया कि थाना भोगनीपुर के अंतर्गत ड्यूटी कर रहे बृजेश पाल की हत्या उसके ही दोस्त सुबोध ने की है

2 min read
Google source verification
बृजेश पाल हत्याकांड: साक्षी बनकर हनीट्रैप में फंसाया, फिर देर रात बुलाकर कर दी हत्या

बृजेश पाल हत्याकांड: साक्षी बनकर हनीट्रैप में फंसाया, फिर देर रात बुलाकर कर दी हत्या

कानपुर. कानपुर देहात के बृजेश पाल हत्याकांड में नया खुलासा हुआ है। 17 जुलाई को किडनैप हुए बृजेश के अपहरण कांड का खुलासा पुलिस ने किया है। पुलिस ने बताया कि थाना भोगनीपुर के अंतर्गत ड्यूटी कर रहे बृजेश पाल की हत्या उसके ही दोस्त सुबोध ने की है। पुलिस के अनुसार, सुबोध कर्ज में डूबा था और कर्ज की रकम चुकाने के लिए उसने बृजेश के अपहरण की साजिश रची। उसने बृजेश को हनीट्रैप के जाल में फंसाया और लड़की बन कर उससे व्हाट्सऐप पर दोस्ती की। इसी हनीट्रैप में बृजेश को उसने फंसाया और आधी रात को मिलने बुलाया। बाद में उसे शराब में नशे की गोलियां मिलाकर पिला दी और उसका अपहरण किया और फिर मार डाला।

पुलिस ने बताया कि हत्यारोपी बृजेश से साक्षी बनकर व्हॉट्सएप चैट करता था। उसने हनीट्रैप में बृजेश को फंसाकर आधी रात को मिलने के लिए बुलाया था। बृजेश भी घर से निकल गया। कुछ दूर पर सुबोध अपनी स्विफ्ट कार लेकर खड़ा था। यहीं से उसने बृजेश का अपहरण कर लिया। रास्ते में शराब में नशीली दवा मिलाकर जबरन शराब पिलाई। इसके बाद बृजेश बेसुध हो गया था। करीब दो घंटे बाद ही तार से गला घोंटकर उसे मार दिया। अपहरण के दौरान उसने बृजेश के परिजनों से 20 लाख की फिरौती की मांग भी की थी।

घर पर भूल गया था फोन

पुलिस के मुताबिक बृजेश दो मोबाइल रखता था। एक पर व्हॉट्सएप चलाता था, दूसरे फोन का इस्तेमाल कॉलिंग के लिए करता था। जिस रात उसका अपहरण हुआ, घर से निकलते समय वह व्हॉट्सएप वाला मोबाइल घर पर ही भूल गया। पुलिस ने उसके घर से मोबाइल बरामद कर चैट रिकवर करवाया। करीब एक दर्जन नंबर सर्विलांस पर लगवाए। इसमें साक्षी नाम का नंबर वारदात की रात से बंद था। शक होने पर पुलिस ने इस नंबर की कॉल डिटेल निकलवाई, तो पता लगा कि फेक आईडी से सिम लिया गया था। सर्विलांस ने बी पार्टी की सीवीआर निकाली यानी इस नंबर से जिसे कॉल की गई थी। इसके बाद पुलिस सुबोध तक पहुंच सकी।

ये भी पढ़ें: योगी सरकार पर फूटा सांसद का गुस्सा, कहा 30 साल में ऐसी बेबसी नहीं देखी